- उत्तराखंड को देवभूमि भी कहा जाता है।
- उत्तराखंड में स्थित कसार देवी का मंदिर खुद में कई रहस्य समेटे हैं।
- कसार देवी में पर रहस्यमयी चुंबकीय शक्ति मिली है।
नई दिल्ली. देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित कसार देवी मंदिर कई रहस्य से भरा हुआ है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में देवी माता खुद अवतरित हुई थीं। यही नहीं यहां पर रहस्यमयी चुंबकीय शक्ति मिली है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक कसार देवी मंदिर में नसा ने परिसर में जीपीएस 8 केंद्र चिह्नित किया गया है। नासा ने ग्रेविटी पॉइंट के बारे में बताया है। इस मंदिर में मानसिक शांति का अनुभव किया जा सकता है।
कसार देवी मंदिर के आस-पास वैन एलेन बेल्ट है। यहां धरती के अंदर काफी बड़ा भू-चुंबकीय पिंड है। इसमें बिजली से चार्ज कणों की परत होती है। इसे ही रेडिएशन कहते हैं।
हर साल लगता है मेला
कसार देवी में दक्षिण अमेरिका के देश पेरू में स्थित माचू-पिच्चू और स्टोन हेंग से अद्भुत समानताएं पाई गई है। हर साल नवरात्रि के मौके पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शन के लिए आती है।
हर साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर कसार देवी का मेला भी लगता है। वहीं, इस मंदिर में आने वाले भक्त सीढ़ियों को चढ़कर माता के दर्शन किया करते हैं।
आ चुके हैं स्वामी विवेकानंद
कसार देवी मंदिर में स्वामी विवेकानंद आए थे। कहा जाता है कि साल 1890 में अल्मोड़ा से लगभग 22 किमी दूर काकड़ीघाट में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसके अलावा बौद्ध गुरु अंगरिका गोविंदा ने गुफा में विशेष साधना की थी।
60 और 70 दशक में हिप्पी आंदोलन का ये एक लोकप्रिय स्थान था। ये गांव के बाहर क्रैंक रिज के लिए जाना जाता था। आज भी हर साल देश विदेश से पर्यटक मन की शांति के लिए यहां ठहरते हैं।