- जन्म से पहले ही मनुष्य के जीवन में तय हो जाती हैं कुछ चीजें
- जन्म और मृत्यु के समय को कोई चाहकर भी बदल नहीं सकता
- मनुष्य अपने कर्म से अपने सुख दुख को कम और ज्यादा कर सकता है
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य के अनुसार इस धरती पर हर इंसान अपनी तकदीर लेकर पैदा होता है। जब बच्चा मां के गर्भ में पहुंच जाता है तभी उसकी किस्मत का ज्यादातर फैसला हो जाता है। इसके बाद कर्म के अनुसार सिर्फ सुख दुख में ही बदलाव आता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में इन बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि कि 4 ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें जन्म से पहले ही तय कर दिया जाता है। इन चीजों को कोई चाहकर भी अपने कर्मों के बल पर नहीं बदल सकता।
आयुः कर्म च वित्तं च विद्या निधनमेव च ।
पञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः ।।
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जन्म और मृत्यु
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कोई व्यक्ति कितना जीएगा। वो अल्पायु होगा या दीर्धायु। इसका फैसला उसके संसार में आने से पहले ही तय हो जाता है। यहां सिर्फ उसे अपने कर्म के बल पर जीवन यापन करना होता है। जो पैदा हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित समय पर ही होती है, इसे कोई बदल नहीं सकता है।
कर्म
आचार्य चाणक्य ने कर्म के बारे में बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति को इस धरती पर अपने कर्मों के हिसाब से सुख-दुख भोगना पड़ता है। ये कर्म सिर्फ वर्तमान के नहीं बल्कि पिछले जन्म से भी तय होते हैं। वह अपने कर्म के दम पर अपने जीवन में कुछ बदलाव तो कर सकता है, लेकिन उसे पिछले जन्म में किए गए कर्म के आधार पर भी अच्छे और बुरा समय भोगना पड़ता है।
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धन और विद्या
चाणक्य नीति के अनुसार, जन्म से पहले ही ये फैसला हो जाता है कि बच्चे के भाग्य में धन लाभ है या नहीं। साथ ही विद्या की प्राप्ति भी हमारे पैदा होने से पहली ही तय हो जाती है। बच्चा कहां तक पढ़ेगा,विद्या ग्रहण कर ली तो उसका कितना जीवन में सदुपयोग कर पाएंगा। वह किसी क्षेत्र में जाएगा और अपने जीवन को कितना आसान बना पाएगा।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)