Sankashti chaturthi 2020: भगवान गणेश की उपासना का पर्व गजानन संकष्टि चतुर्थी आज देशभर में मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं वहीं कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टि चतुर्थी कहते हैं। श्रावण मास की चतुर्थी को गजानन संकष्टि चतुर्थी कहते हैं इस दिन भगवान गणेश का व्रत किया जाता है।
बुधवार आठ अप्रैल को सुबह नौ बजकर 18 मिनट से नौ जुलाई सुबह 10 बजकर 11 मिनट तक गजानन संकष्टि चतुर्थी रहेगी। इस दौरान आठ जुलाई को रात्रि दस बसे चंद्रमा का उदय होगा। इस तिथि का महत्व भगवान गणेश के जन्म से है। भगवान गणेश भाद्रपद माह की चतुर्थी को पैदा हुए थे और तब से हर माह की चतुर्थी को अलग अलग अंदाज में उनका पूजन किया जाता है।
संकष्टि चतुर्थी पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनने चाहिए। गणेश जी की चौकी स्थापित कर उस पर लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनाने चाहिए। इस दिन भगवान गणेश की कथा सुननी चाहिए इससे हर मनोकामना पूरी होती है। वहीं शाम को चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य देना चाहिए।
संकष्टि चतुर्थी का महत्व
भगवान गजानन को गणपति को विघ्नहर्ता कहा जाता है। वह हर तरह की परेशानी हरने वाले हैं। गणेश भगवान की पूजा से हर मनोकामना पूर्ण होती है और हर प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं। सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है। इसलिए इस दिन गणेश जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।