- गणेश चतुर्थी का पर्व गणपति के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- मान्यता है कि गणेश जी की पूजा अर्चना से विघ्न बाधाएं दूर होती हैं।
- पूजा को पूर्ण करने के लिए गणेश आरती जरूर करें। यहां गणेश आरती - सिंदूर लाल चढ़ायो के हिंदी लिरिक्स (ganesh aarti sindoor lal chadhayo lyrics) देख सकते हैं।
Sindoor Lal Chadhayo Aarti Lyrics in hindi : गणेश जी को सर्वप्रथम पूज्नीय माना गया है। हर पूजा में सबसे पहले उनका आवाह्न किया जाता है। साथ ही गणेश जी की आरती करने की भी परंपरा है। गणपति को प्रसन्न करने के लिए उनकी आरती गाई जाती है। सिंदूर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को वाली गणेश के हिंदी लिरिक्स आप यहां देख सकते हैं।
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सिंदूर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको।
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको।
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥1॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥धृ॥
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि।
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी।
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी।
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि ॥2॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥
भावभगत से कोई शरणागत आवे।
संतत संपत सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे।
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे ॥3॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥
कहां रखनी चाहिए गणेश जी की मूर्ति
घर पर भगवान गणेश की वही मूर्ति लाएं जिसकी सूंड बांई ओर झुकी हुई हो। साथ ही यदि आप घर पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो हमेशा बैठी हुई मुद्रा में रखें। भगवान गणेश की मूर्ति दक्षिण या उत्तर दिशा में स्थापित करनी चाहिए।