- इस वर्ष 10 सितंबर के दिन मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी।
- इस दिन से होगी गणेशोत्सव की शुरुआत।
- गणेश चतुर्थी पर अवश्य लगाएं श्री गणेश को मोदक का भोग।
Offering Modak to Ganesh Ji on Ganesh Chaturthi: सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का महत्व अत्यधिक है। श्री गणेश के उपासक इस तिथि को श्रद्धा भाव से मनाते हैं तथा विधि पूर्वक श्री गणेश की पूजा करते हैं। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 10 सितंबर के दिन पड़ रही है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन से गणेशोत्सव प्रारंभ होता है जो 10 दिन तक चलता है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है। गणेशोत्सव के दसों दिन भगवान श्री गणेश को अलग-अलग भोग अर्पित किए जाते हैं। गणेश चतुर्थी पर विशेष रूप से भगवान श्री गणेश के प्रिय भोग अर्पित करने चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन गणपति बप्पा को उनके प्रिय भोग अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
गणेश चतुर्थी पर क्या भोग लगाएं?
गणपति बप्पा को मीठा खाना बहुत पसंद है। इसीलिए उन्हें लंबोदर के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री गणेश को उनके प्रिय भोग अर्पित करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं। गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश को मोदक का भोग लगाना चाहिए। इस दिन भगवान श्री गणेश के भोग में मोदक अवश्य शामिल होना चाहिए। मोदक के साथ आप उन्हें मोतीचूर के लड्डू, गुड़ और नारियल से बनी चीजें भी अर्पित कर सकते हैं। जो भक्त भगवान श्रीगणेश को जल्दी प्रसन्न करना चाहते हैं उन्हें मोदक अवश्य चढ़ाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री गणेश को मोदक का भोग लगाने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।
जानें क्यों लगाया जाता है श्री गणेश को मोदक का भोग?
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, जब परशुराम और श्री गणेश के बीच युद्ध हुआ था तब, श्री गणेश का एक दांत टूट गया था। जिस वजह से भगवान श्री गणेश को खाने-पीने में तकलीफ हो रही थी। भगवान श्री गणेश को इस तकलीफ से राहत दिलाने के लिए मोदक बनाया गया था। नरम होने के वजह से भगवान श्री गणेश मोदक को आसानी से खा पा रहे थे। उन्हें इसका स्वाद भी आनंदित कर रहा था। इसीलिए जब भी भगवान श्री गणेश का मोदक अर्पित किए जाते हैं वह प्रसन्न हो जाते हैं।