नई दिल्ली. हमारी आदतें हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं क्योंकि हमारी आदतें हमारे जीवन पर अच्छा और बुरा दोनों ही प्रकार के प्रभाव डालती हैं। यहांं तक की इनका सीधा असर हमारे भाग्य पर पड़ता है। यदि हम अपनी बुरी आदतों को छोड़ दें व अच्छी आदतों को अपना लें तो हम अपने जीवन में आने वाली अनेक समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही बुरी आदतों के बारे में जिनसे मुक्ति पाकर अनेक समस्याओं से बच सकते हैं।
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अस्त व्यस्त घर :- जो लोग अपने घर और शयन कक्ष को अस्त व्यस्त रखते हैं, सारा समान इधर उधर फैला कर रखते हैं, फालतू के समान इकठ्ठा करके रखते हैं, बिस्तर गंदा रखते हैं व अलमारियों में उल्टा सीधा समान भर के रखते हैं, दीवारों को गंदा रखते हैं ऐसे लोग हमेशा मानसिक अशांति व दरिद्रता के शिकार रहते हैं।
अस्त व्यस्त रसोईघर :- जो लोग रसोई घर को भोजन बनाने के बाद यूं ही बिना सफाई करे ही अस्त व्यस्त छोड़ देते हैं उनको मंगल ग्रह का दोष लगता है इसलिए खाना बनाने के बाद रसोई को हमेशा साफ कर देना चाहिए।
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नशा करना :- शराब, सिगरेट और तंबाकू आदि का सेवन करने वालों को शनि व राहु ग्रहों का दुष्प्रभाव झेलना पड़ता है जिसके कारण उन्हें कार्यों में रुकावट, जीवन मे अशांति, विवेकहीनता, दुर्घटना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है और भय, मानसिक रोग, भ्रम, उन्माद, उदर विकार तथा कैंसर जैसे भयानक रोगों का सामना करना पड़ता है।
बुजुर्गों का अपमान:- जो लोग अक्सर अपने घर परिवार के बड़े बूढ़े (पिता, चाचा, फूफा, मौसा) आदि बेवजह बहस करते हैं या बात बात पर उनका अपमान करते हैं या मज़ाक उड़ते है तो बुजुर्गों के श्राप से उन्हें सूर्य ग्रह का दोष व पित्र दोष लगता है, ऐसे लोगों को जीवन में पग पग पर परेशानियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है और भाग्य की निरंतर हानि होती है। जो लोग बड़े भाई, ब्राह्मण, गुरु व पति का निरादर करते हैं उन्हें गुरु ग्रह का दोष लगता है व इनके धन, धर्म व सुख का नाश होता है इसके अलावा बूढ़े नौकर या भिखारी का निरादर करने पर शनि का प्रकोप झेलना पड़ता है व भाग्य की हानि होती है।
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पानी की बर्बादी :- अक्सर लोग बोरवेल लगवाकर व्यर्थ ही पानी को यहांं वहांं बहाकर बर्बाद करते हैं, पानी के नल को खुला छोड़ देते हैं या रिसने वाले नल को ठीक नहीं करवाते हैं तो ऐसे लोगों को चंद्र ग्रह का दोष लगता है जिसके कारण धन हानि व मानसिक अशांति का सामना करना पड़ता है।
मंदिर का निरादर:- कहीं जाते समय रास्ते मे किसी देव मंदिर की ओर देख कर भी प्रणाम न करना, देव मूर्ति को एक हाथ से प्रणाम करना, मंदिर में गंदगी फैलाना, देव मूर्ति के मुख पर प्रसाद चिपकाना, देव पूर्ति के सामने गाली बकना, मंदिर के भीतर या बाहरी दीवारों पर थूकना, पेशाब करना आदि से देव दोष लगता है जिससे जीवन में दुर्भाग्य और दरिद्रता का सामना करना पड़ता है।
पैर हिलाना:- जो लोग निरंतर बिना किसी वजह यूँ ही हर समय अपने पैर हिलाते रहते हैं, पैरों मे पहने हुए जूते चप्पल घसीट घसीट आवाज़ करते हुए चलते हैं या फिर घर आते है अपने जूते चप्पल को यहाँ वहाँ फेंक देते हैं तो ऐसे लोगों को राहु ग्रह का दोष लगता है जिसके कारण उन्हें मानसिक भ्रम, विवेक हीनता और शत्रुता आदि परेशानियों को झेलना पड़ता है।
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जानवरों को पीटना :- जो लोग बेवजह जानवरों को पीटते रहते हैं तो ऐसे लोगों को इसका दुष्परिणाम ज़रूर झेलना पड़ता है, जैसे के कुत्ते को पीटने से केतु का दोष लगता है, साँप को मारने से राहु केतु वा शिव जी का प्रकोप लगता है, गाय जो पीटने से सभी देवी देवता नाराज़ होते हैं आदि।
शरीर गंदा रखना :- जो लोग अपने दाँत गंदे रखते हैं पैरों को सॉफ नही रखते, सिर पर तेल लगने के बाद हाथ शरीर पर फेर लेते हैं, खाली बैठने पर शरीर पर तबला जैसी थपकी देते रहते हैं, हमेशा सोते रहते हैं, गंदे कपड़े पहनते हैं, फटे हुए जूते चप्पल पहनते हैं ऐसे लोगों से लक्ष्मी नाराज़ होकर चली जातीं हैं।
पेड़ पौधे:- घर की बालकनी और छत को कभी भी खाली नही रखना चाहिए इससे घर मे अजीब सा सूनापन बना रहता है इसलिए छत व बालकनी पर दो चार हरे पौधे ज़रूर रोपने चाहिए इससे घर मे शुभ उर्जा आती है और बुध ग्रह की भी कृपा बनी रहती है।
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