- गृह प्रवेश करते समय हमेशा पांच चीजें हाथ में रखनी चाहिए
- माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ महीना गृह प्रवेश के लिए उत्तम है
- मंगल कलश के साथ पति-पत्नी को साथ में गृह प्रवेश करना चाहिए
अपने या किराए किसी भी घर में जब आप पहली बार प्रवेश करें तो कुछ नियम और पूजा-विधि का पालन जरूर करें। किसी भी घर में आपका पहला प्रवेश गृह प्रवेश ही होता है, इसलिए गृह प्रवेश से जुड़ी बातों को आपको जरूर जान लेना चाहिए, क्योंकि ये बातें आपके घर की सुख-शांति और समृद्धि से जुड़ी होती हैं। नई जगह, नए घर में प्रवेश करते समय बहुत सी आशाएं और उम्मीदें होती हैं, इसलिए ये उम्मीदें आपकी खरी उतरे उसके लिए ईश्वर का सहयोग जरूरी है। नया घर मंगलमयी, प्रगतिकारक, यश, सुख, समृद्धि और सौभाग्य दे इसके लिए आइए आपको गृह प्रवेश से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों के बारे में बताएं।
गृह प्रवेश करने से पहले इन बातों को जान लें
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अपने ही नहीं, किराए के घर में भी गृहप्रवेश हमेशा दिन, तिथि, वार और नक्षत्र को देख कर करना चाहिए। यदि कोई दिन आपका मान है तो उस दिन गृह प्रवेश बिलकुल न करें। गृहप्रवेश ब्राह्मण के मंत्रोच्चारण के साथ करें।
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गृहप्रवेश के लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ का महीना उत्तम होता है, जबकि आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष शुभ नहीं माने जाते।
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, रविवार और शनिवार के दिन दिन भी गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
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गृह प्रवेश की पूजा सामग्री में कलश, नारियल, दीपक, फूल शुद्ध जल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबत्ती, पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध आदि जरूर होना चाहिए।
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मंगल कलश के साथ पति-पत्नी को साथ में गृह प्रवेश करना चाहिए।
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गृह प्रवेश वाले दिन घर को बंदनवार, रंगोली, फूलों से जरूर सजाएं।
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मंगल कलश में जल में गंगाजल मिलाएं और आम या अशोक के आठ पत्तों के बीच नारियल रखें। कलश पर नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।
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नए घर में प्रवेश के समय पति-पत्नी को पांच चीजें अपने हाथ में लेकर प्रवेश करना चाहिए। इसमें नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध या दही होना चाहिए।
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जिस दिन आपका गृहप्रवेश हो उसी दिनभगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को घर में ले जाना चाहिए।
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पुरुष पहले दाहिना पैर और महिला को अपना बायां पैर घर में सर्वप्रथम रखना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश के मंत्रों के साथ घर के ईशान कोण में या फिर पूजा घर में कलश की स्थापना करें।
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गृह प्रवेश पूजा के साथ ही रसोई घर में भी पूजा भी करनी चाहिए। चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए। रसोई में पहले दिन कुछ मीठा बनाना चाहिए। घर में बने भोजन से सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं। इसके बाद गाय, कौआ, कुत्ता, चींटी आदि के निमित्त भोजन निकालना चाहिए।
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ब्राह्मण को भोजन कराने के साथ गरीबों को दान करना चाहिए।
घर में प्रवेश के नियम हमेशा याद रखें। गृह प्रवेश की ये विधि आपके घर में सुख और सौभाग्य ले कर आएगी।