- हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता हैं
- इस साल गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी से 10 फरवरी तक हैं
- गुप्त नवरात्रि में 10 महादेवीओं की पूजा-आराधना की जाती हैं
Gupt Navratri 2022 Start Date, Puja Vidhi, Timings: हिंदू ग्रंथों के अनुसार माघ माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस साल यह नवरात्रि 2 फरवरी से शुरू होकर 10 फरवरी को समाप्त होगी। गुप्त नवरात्रि में आदिशक्ति के 10 रूपों की पूजा अर्चना की जाती हैं। नवरात्रि के दिनों में साधक देवी मां को प्रसन्न करने के लिए कठिन भक्ति करते हैं। यह पूजा ज्यादातर साधक और तांत्रिक अपनी सिद्धि प्राप्त करने के लिए करते हैं। यदि आप इस व्रत को करने वाले है या करने की सोच रहे है, तो यहां आप गुप्त नवरात्रि से जुड़ी तमाम जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
मां दुर्गा के 9 स्वरूप
हिंदू शास्त्र के अनुसार मां दुर्गा के नौ स्वरूप है। पहला स्वरूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी,कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। इन सभी माताओं की 9 दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं। गुप्त नवरात्रि के दिनों में तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती और बगलामुखी देवियों की विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं।
गुप्त नवरात्रि का क्या है महत्व?
गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना, जादू टोना या वशीकरण करने वाले साधकों के लिए विशेष दिन हैं। गुप्त नवरात्रि के दिनों में साधक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं। निशा पूजा के दिन तंत्र विद्या करने वाले साधक अपनी सिद्धि प्राप्त करते है। मान्यताओं के अनुसार इन दिनों मां की पूजा अर्चना करने से माता प्रसन्न होकर व्यक्ति की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं।
गुप्त नवरात्रि के दिनों में क्या करें
1. गुप्त नवरात्रि के दिनों में साधक को 9 दिनों तक ब्रह्मचार्य नियम का पालन करना चाहिए।
2. 9 दिनों तक तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
3. गुप्त नवरात्रि करने वाले साधक को इन दिनों कुश चटाई पर सोना चाहिए।
4. गुप्त नवरात्रि में साधक को पीला और लाल वस्त्र पहननी करनी चाहिए।
5. इस पूजा में साधक को निर्जला और फलाहार उपवास रखना रखना चाहिए।
6. गुप्त नवरात्रि में साधक को मां की श्रद्धा पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए।
7. 9 दिनों तक साधक को लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
8. माता-पिता को परमेश्वर का स्वरूप माना जाता है। गुप्त नवरात्रि के दिनों में माता-पिता की सेवा और आदर सत्कार करने से देवी मां बहुत प्रसन्न होती हैं।
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