- आज सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की जयंती है।
- गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर, 1666 को पटना, बिहार, भारत में हुआ था।
- आज जानें गुरु गोबिंद सिंह के 10 उपदेश।
सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की आज यानि 20 जनवरी 2020 को जयंती है। उनका जन्म 22 दिसंबर, 1666 को पटना, बिहार, भारत में हुआ था। यह दिन मुख्य रूप से सिख समुदाय के भीतर पूरे भारत में मनाया जाता है, जिसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व भी कहा जाता है। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी। यही नहीं उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्ण भी किया था।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती के मौके पर लोग गुरुद्वारे में प्रार्थना करते हैं, दीया जलाते हैं, मोमबत्तियां लगाते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लंगर का आयोजन भी किया जाता है। आज इस खास दिन पर हम आपको बता रहे हैं गुरु गोबिंद सिंह के वो 10 उपदेश, जिन्हें हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
गुरु गोबिंद सिंह के 10 उपदेश
1. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना
अपने जीवन में इंसान को किसी की निंदा- चुगली नहीं करनी चाहिए। किसी से ईर्ष्या भी ना करें बल्कि मेहनत करें।
2. धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना
इंसान को पैसा, जवानी और अपने कुल या जाति का घमंड नहीं करना चाहिए।
3. दुश्मन नाल साम, दाम, भेद, आदिक उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध करना
दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और बाद में ही युद्ध में पड़ें। सही रणनीति का इस्तेमाल कर युद्ध में जीत हासिल की जा सकती है।
4. परदेसी, लोरवान, दुखी, अपंग, मानुख दि यथाशक्त सेवा करनी
किसी भी परदेसी, दुखी इंसान, विक्लांग या जरूरतमंद की सहायता जरूर करें। इससे मानसिक शांति और खुशी मिलेगी।
5. चुगली कर किसे दा कम नी विगारना
कभी किसी की चुगली कर उसका काम नहीं बिगाड़ना चाहिए।
6. दसवंड देना
इंसान को अपनी कमाई का 10वां हिस्सा दान में देना चाहिए, ताकि यह जरूरतमंदों के काम आ सके।
7. गुरु ग्रंथ साहिब जी नू गुरु मानना
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पर विश्वास करो और उन्हें आत्मज्ञान के मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करो।
8. पुत्री दा धन बिख जाना
एक बेटी को संपत्ति समझना गलता है, यह विचार करना जहर के बराबर है।
9. काम करन विच दरीदार नहीं करना
काम करने में कोई कमी ना छोड़ें और खूब मेहनत करें।
10. स्त्री दा मुंह नहीं फिटकारना
अपनी पत्नी को गलत शब्द नहीं कहने चाहिए। उसे गाली नहीं देनी चाहिए।