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भगवान हनुमान, व्यास से परशुराम, धरती पर आज भी जीवित हैं ये आठ चिरंजीवी

Updated Feb 13, 2021 | 10:52 IST

जानकारों के मुताबिक हिंदू धर्म शास्त्रों और पुराणों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि धरती पर आठ ऐसे महापुरुष है जो चिरंजीवी हैं। अगर आप इन आठ महापुरुषों के बारे में नहीं जानते हैं तो यह लेख जरूर पढ़िए।

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Chiranjivis
मुख्य बातें
  • हिंदू मान्यताओं के अनुसार धरती पर ऐसे आठ महापुरुषों ने जन्म लिया है जो सदा अमर रहेंगे।
  • कई हिंदू धर्म शास्त्रों में चिरंजीवी महापुरुषों का उल्लेख किया गया है।
  • भगवान हनुमान, परशुराम और अश्वत्थामा समेत कई महापुरुषों को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद या अभिशाप मिला है।

नई दिल्ली. हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसे कई प्रतापी और महान महापुरुषों का उल्लेख किया गया है जिनको चिरंजीवी होने का आशीर्वाद या अभिशाप प्राप्त है। कई पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत के जमीन पर ऐसे कई महारथियों ने जन्म लिया है जो हमेशा अमर रहेंगे। 

माना जाता है कि यह महापुरुष अदृश्य हैं लेकिन हम लोगों के बीच में मौजूद हैं। भारत में ऐसी कई जगह और इमारतें हैं जो इन महापुरुषों से नाता रखती हैं। 

यहां जानिए कौन हैं वह लोग जिन्हें हिंदू मान्यताओं के अनुसार अमर कहा गया है। 

अश्वत्थामा
अश्वत्थामा, महाभारत काल में पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र थे। कहा जाता है कि जन्म से अश्वत्थामा के माथे पर एक रत्न लगा हुआ था जो उन्हें हर एक बाधाओं से बचा कर रखता था। एक बार अश्वत्थामा ने अभिमन्यु के बच्चे पर ब्रह्मास्त्र चला दिया था। 

श्री कृष्ण इस पर बहुत गुस्सा हो गए थे और उन्होंने अश्वत्थामा के माथे से वह रत्न निकाल लिया था। भगवान कृष्ण ने अश्वथामा को अभिशाप दिया था कि वह हमेशा अमर रहेंगे लेकिन उनका घाव कभी नहीं भरेगा और वह दुनिया में हमेशा तड़पते रहेंगे। 

परशुराम
परशुराम को भगवान विष्णु का छठवां अवतार कहा जाता है। कठोर तपस्या के बाद परशुराम को भगवान शिव ने एक कुल्हाड़ी वरदान में दिया था। ऐसा माना जाता है कि कलयुग के अंत में भगवान विष्णु के अंतिम अवतार के तौर पर कलकी के गुरु बनकर वह वापस आएंगे।

हनुमान
हिंदू मान्यताओं के अनुसार हनुमानजी को 8 चिरंजीवियों में से एक माना जाता है। वायु पुत्र हनुमान भगवान राम के सबसे बड़े भक्त माने गए हैं। हनुमान जी को संकट मोचन कहा गया है क्योंकि वह‌ भगवान राम और अपने भक्तों को हर एक मुसीबतों से बचाते हैं। 

कहा जाता है कि जब भगवान राम रावण का वध करके वापस आ रहे थे तब मोक्ष पाने की जगह हनुमान ने धरती पर भगवान राम के भक्तों को सुरक्षा देने का रास्ता चुना था। 

विभीषण
विभीषण रावण का सबसे छोटा भाई था जिसने भगवान राम के साथ मिलकर बुराई के खिलाफ लड़ाई की थी। अच्छाई का साथ देने के लिए विभीषण को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद मिला था। 


कृपाचार्य
कृपाचार्य कुरु के कुल गुरु माने जाते हैं। ‌कृपाचार्य को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद मिला था क्योंकि उन्होंने अपने सभी छात्रों को एक समान माना था। कृपाचार्य को एक आदर्श गुरु के रूप में देखा जाता है।

राजा महाबली
राजा महाबली को दैत्य राजा भी कहा जाता है, उनके सरल और सौम्य स्वभाव के वजह से भगवान विष्णु ने राजा महाबली को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दिया था। कहा जाता है कि पोनम के दिन महाबली धरती पर आते हैं। 

वेद व्यास
वेद व्यास को महाभारत का लेखक कहा गया है। इसके साथ कहा जाता है कि उन्होंने पूराणों को भी लिखा है। ‌हिंदू मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि वेद व्यास अभी भी धरती पर मौजूद हैं। ‌

मार्कंडेय
मार्कंडेय एक नामी ऋषि थे जिनके नाम का अर्थ है मौत से विजय प्राप्त करना। मार्कंडेय भगवान शिव और विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। भगवान शिव ने मार्कंडेय को मौत के मुंह में जाने से बचाया था तब से मार्कंडेय को चिरंजीवी कहा जाता है। ‌

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