नई दिल्ली. हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी की महिमा अपरंपार है। हनुमान जी को कलियुग के देवता के रुप में जाना जाता है। राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन माउंटआबू के बारे में पुराणों में ऐसा वर्णन है कि उसकी रक्षा हनुमान जी करते है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान माउंटआबू की चारों दिशाओं में स्थित है और उसकी रक्षा करते है।
मान्यताओं के मुताबिक भगवान हनुमान माउंटआबू के पहरेदार है। वो यहां सभी दिशाओं में स्थित है। हर दिशाओं में हनुमान जी के विराजमान होने की अद्भुत कहानी है और जहां भगवान राम है वहीं अपने भगवान की पहरेदारी करते हुए हनुमान माउंटआबू की भी रक्षा करते है। तो आईए चार दिशाओं में उनके विराजमान होने की कहानी को जानते है और इस रहस्य से पर्दा हटाते है।
हिंदू धर्म के देवता हनुमान जी के बारे में पुराणों में ऐसा वर्णन है कि उसकी रक्षा हनुमान जी करते है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान माउंटआबू की चारों दिशाओं में स्थित है और उसकी रक्षा करते है। माउंटआबू में कई सड़क हादसे हुए लेकिन सड़क हादसों में भी लोग बाल बाल बच निकलते है और इसके पीछे लोग यही कहते है कि ऐसा हनुमान जी की वजह से होता है क्योंकि वो सदियों से माउंटआबू की पहरेदारी कर रहे है। सदियों से यहां के लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि हनुमान यहां के कण कण में विराजमान हैं। उनकी पूजा माउंटआबू के रक्षक देव के रुप में सदियों से की जा रही है।
ये भी पढ़ें: आते ही खत्म हो जाती है आपकी सैलेरी? ज्योतिष में बताएं हैं ये उपाय
पौराणिक परंपराओं के मुताबिक भगवान हनुमान माउंटआबू के पहरेदार है। वो यहां सभी दिशाओं में स्थित है। हनुमान माउंटआबू के उत्तर में भी विराजते है,पूरब दिशा से भी शहर की रक्षा करते है,वो दक्षिणोमुखी होकर शहर की देखभाल करते है और पश्चिम दिशा में भी उनका वास है।इस प्रकार हनुमान माउंटआबू के हर दिशाओं में विराजमान या स्थित होकर सदियों से उसकी रक्षा कर रहे है।
ये परंपरा यहां सदियों पुरानी है और लोगों में ऐसा विश्वास है कि भगवान राम ने हनुमान को शहर की रक्षा करने के लिए कहा था और कहा था कि तुम शहर की पहरेदारी करो। माउंटआबू के लोगों की हिफाजत करों। तभी से ये मान्यता चली आ रही है कि भगवान राम के आदेश का पालन करते हुए हनुमान जी माउंटआबू की सभी दिशाओं में विराजमान है। सबसे खास बात है कि चारों दिशाओं में हनमान के साथ उनके आराध्य भगवान राम की भी मूर्ति है।
ज्ञान गुफा के ज्ञानेश्वर हनुमान उत्तर दिशा में है जहां वह राम लक्ष्मण सीता का मंदिर है और उनके पहरेदार है। यहां दक्षिणुखी हनुमान मंदिर है। इस जगह के बारे में मान्यता है कि यहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान हनुमान की पूजा की थी। मंगलवार के दिन यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है।ये जगह माउंटआबू से कुछ किलोमीटर दूर कन्याकुमारी में स्थत है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है यहां भगवान से आप जो कुछ भी मांगे भगवान आपकी मुराद पूरी करते है।
श्रद्धालुओं के मन में विश्वास है कि हनुमान जी मन की हर मुराद पूरी करते है। ज्ञानगुफा हनुमान मंदिर में सदियों से हनुमान जी की पूजा होती है और इस जगह के बारे में ये मान्यता है कि भगवान अपने श्रद्धालुओं को यहां दर्शन भी देते है।मंदिर को यहां के स्थानीय लोगों द्वारा बनवाया गया था। मंदिर में हनुमान जी की भव्य मूर्ति है और ऐसा माना जाता है कि ज्ञानगुफा में भगवान भक्तों के हर दुख को हर लेते है और यहां से रहकर वो चारों दिशाओं की पहरेदारी करते है। भगवान अपने भक्तों को यहां ज्ञान के साथ उसकी मांगी हुई हर मुराद पूरी कर देते है।
ये भी पढ़ें: नंदी कैसे बने शिव की सवारी, जानें ये पौराणिक कहानी
आर्ना वाले हनुमान जी जो माउंटआबू के मुख्य मार्ग पर है वो पूरब दिशा में है जहां भगवान राम का मंदिर भी है और उसकी रक्षा करते है। आर्ना हनुमान मंदिर भगवान के भक्तों के बीच श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र है। आर्ना मंदिर त्रेतायुग से ही माना जाता है।कहा जाता है कि इस मंदिर की आधारशिला भगवान राम ने रखी थी। हनुमान यहां भी माउंटआबू के रक्षक के रुप में यानि पहरेदार के रुप मे जाने जाते है। साथ ही नक्की झील वाले हनुमान पश्चिम दिशा में है और यही पर सर्वेश्वर रघुनाथ मंदिर भी है जहां वह भगवान राम यानी रघुनाथ की रक्षा करते है। दरअसल यहां भगवान राम की इकलौती मूर्ति है जहां वह सिया और अपने भ्राता लक्ष्मण के बिना विराजमान है।
दक्षिणमुख हनुमान मंदिर काफी प्राचीन मंदिर है। हनुमान जी का मुख यहां दक्षिण की ओर इसलिए इसे दक्षिणमुख हनुमान मंदिर कहा जाता है।हनुमान जी के दक्षिणमुख मंदिर को काफी शुभ और प्रभावकारी माना जाता है।पुराणों में ये कहा गया है कि ऐसे मंदिरों में हनुमान जी का अराधना सर्वविघ्नहर्ता और सर्वफलदायक होती है। इस मंदिर के पास ही गणेश मंदिर भी है गायत्री मंदिर भी है। रघुनाथ मंदिर के ठीक नीचे भगवान हनुमान जी की पूजा होती है और वही उनकी मूर्ति भी है।
रघुनाथ मंदिर में तो भगवान राम अकेले रहे थे और यही भगवान राम ने हनुमान जी को शक्ति देकर माउंटआबू की पहरेदारी करने को कहा था। माउंटआबू में कई भीषण सड़क हादसे में लोग आश्चर्यजनक रुप से बाल बाल बच निकलते है।लोगों का मानना है कि ऐसा भगवान हनुमान जी की वजह से ही होता है।तभी लोगों की आस्था हनुमान जी में अटूट है।
ये भी पढ़ें: वैष्णो देवी में अब 1 दिन में केवल 50 हजार लोग ही कर पाएंगे दर्शन
गोमुख वाले हनुमान दक्षिण दिशा में हैं जहां वह गोमुख में भगवान राम की रक्षा करते है जहां से भगवान राम ने अपने भाइयों सहित महर्षि वशिष्ठ से शिक्षा हासिल की थी । गोमुख हनुमान मंदिर से सटा भगवान राम की पाठशाला भी है। भगवान राम ने महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में ही अपने भाई लक्ष्मण के साथ रहकर शिक्षा प्राप्त की थी।यहां भगवान राम और लक्ष्मण की मूर्ति हनुमान जी अपने कंधे पर लिया हुआ है।
ये भी पढ़ें: शिव लगाते हैं शरीर पर भस्म, जानें क्या है इस रूप का राज
भगवान राम की इस पाठशाला के बारे में भी ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का यहां चौबीसों घंटा पहरा रहता है। और ऐसी कोई भी चीज़ नहीं हो सकती जो हनुमान जी नहीं चाहते हो। यहां स्थापित भगवान राम के साथ हनुमान जी की मूर्ति बड़ी मनोहारी है जिसे देखने पर भक्ति भाव उमड़ते है। माउंटआबू के कई सड़क हादसे होते है। भीषण सड़क हादसों में भी लोग बाल बाल बच निकलते है और इसके पीछे लोग यही कहते है कि ऐसा हनुमान जी की वजह से होता है क्योंकि वो सदियों से माउंटआबू की पहरेदारी कर रहे है। सदियों से यहां के लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि हनुमान यहां के कण कण में विराजमान हैं।उनकी पूजा माउंटआबू के रक्षक देव के रुप में सदियों से की जा रही है ।
(तस्वीरों के लिए साभार- अनिल कुमार ऐरन)
और भी EXCLUSIVE स्टोरी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें