- हनुमान जी को तिल या चमेली के तेल में मिलाकर ही सिंदूर लगाना चाहिए
- हनुमान जी की पूजा में केवल पीले या लाल फूल ही चढ़ाएं जा सकते हैं
- हनुमान जी की आराधना में मूंगे या रुद्राक्ष की माला का ही प्रयोग करें
हनुमान जी की पूजा से केवल शनिदेव ही शांत नहीं होते, बल्कि कई अन्य ग्रहों के बुरे प्रभाव में नियंत्रण में किया जा सकता है। हनुमान जी के तेज और शक्तिशाली स्वरूप को अष्टसिद्धियां प्राप्त हैं और यदि वह भक्त पर प्रसन्न हो जाएं तो उसे किसी भी तरह के कष्ट से मुक्त करा सकते हैं। मंगलवार को हनुमानजी का विशेष दिन होता है और इस दिन उनकी पूजा यदि कुछ नियमों के अनुसार की जाए तो वह बुरे ग्रहों के प्रभाव से कष्ट पा रहे अपने भक्तों को संकट से मुक्त करा देते हैं।
हनुमान जी की आराधना से ग्रहों का दोष शांत होता है। बस हनुमान जी की पूजा में कुछ विशेष नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। आइए जानें ग्रहों से मुक्ति के लिए हनुमान जी की पूजा किस तरह से करनी चाहिए।
इन नियमों के अनुसार करनी चाहिए हनुमान जी की पूजा
- हनुमान जी की पूजा में ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है।
- भगवान की विशेष पूजा के बाद जो भी प्रसाद चढ़ाया जाए, वह शुद्ध घी का बना होना चाहिए।
- हनुमान जी को सिंदूर लगाने के लिए सिर्फ तिल या चमेली के तेल का ही प्रयोग करना चाहिए।
- हनुमान जी को केसर या हल्दी मिलाकर ही लाल चंदन लगाना चाहिए।
- हनुमान जी को जब भी कोई पुष्प चढ़ाएं उसका रंग लाल या पीला ही होना चाहिए। किसी अन्य रंग के पुष्प भगवान को अर्पित नहीं किए जाने चाहिए।
- बजरंगबली को नैवेद्य में सुबह के समय गुड़, नारियल का गोला और लड्डू, दोपहर में गुड़, घी और गेहूं की रोटी का चूरमा भोग लगाना चाहिए। रात के समय केवल फल चढ़ाएं। जैसे आम, अमरूद, केला आदि।
- हनुमान जी की साधना या मंत्र जाप के लिए केवल दो तरह की माला का प्रयोग कर सकते हैं। रुद्राक्ष या मूंगे की माला के आलवा अन्य माला से उनकी पूजा नहीं की जानी चाहिए।
हनुमान जी की पूजा के लिए नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। नियमों के पालन करने वाले से बजरंगबली विशेष प्रसन्न होते हैं।