- कुर्बानी के पर्व के रूप में मनाई जाती है बकरीद
- मीठी ईद के 70 दिन बाद आती है बकरीद
- बकरीद पर करीबियों को खास तरीके से दें बधाई
आज देशभर में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद मनाई जा रही है। बकरीद को मीठी ईद के 70 दिन बाद मनाया जाता है। इसे मुख्य रूप से कुर्बानी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। बकरीद लोगों को सच्चाई की राह में अपना सबकुछ कुर्बान कर देने का संदेश देती है। कोरोना संकट को देखते हुए इस बार बकरीद पर बाजार और मोहल्ले पहले के मुकाबले सूने हैं। लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए त्यौहार का जश्न मना रहे हैं। बकरीद पर लोग एक-दूसरे को बधाई संदेश भेजते हैं। ऐसे में आप भी अपने दोस्त, रिश्तेदारों और करीबियों को मैसेज, शायरी और कोट्स भेजकर खास अंदाज में मुबारकबाद दे सकते हैं।
- कोई इतना चाहे तुम्हें तो बताना
कोई तुम्हारे इतने नाज उठाए तो बताना
बकरीद मुबारक तो हर कोई कह देगा तुमसे
कोई हमारी तरह कहे तो बताना
Happy Eid al-Adha 2020! - चुपके से चांद की चांदनी छू जाए आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
हम दुआ करते हैं मिल जाए वो आपको
Happy Bakrid 2020! - समंदर को उसका किनारा मुबारक
चांद को सितारा मुबारक
फूलों को उसकी खुश्बू मुबारक़
दिल को उसका दिलदार मुबारक़
आपको और आपके परिवार को
बकरीद का त्यौहार मुबारक! - चांद से रौशन हो त्यौहार तुम्हारा
खुशी से भर जाए आंगन तुम्हारा
हर शिकायत हो दूर तुम्हारी
बस यही है दुआ हमारी
हैप्पी बकरीद 2020! - जिंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो
आपका हर दिन ईद के दिन से कम न हो
दुख की बारिश पड़े तो हमें भूल न जाना
दोस्तों की अहमियत कभी भी कम न होा
हैप्पी बकरीद 2020!
हर मंजिल आपके पास आ जाए
हर दुख दर्द आपसे दूर हो जाए
इस ईद पर यही दुआ है हमारी
आप पर खुशियों की बौछार हो जाए
Happy Bakrid 2020!-
मुबारक मौका है करो खुदा की इबादत
खुशियों से भरी ये जिंदगी रहे सलामत
अदा करें हर फर्ज खुदा की रहमत में
बिगड़ी बात बन जाए कुछ ही मोहलत में
Happy Eid al-Adha 2020!
गौरतलब है कि ईद-उल-अजहा को पैगंबर हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, हजरत इब्राहीम अल्लाह के हुकम पर अपनी वफादारी दिखाने के लिए अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। जब हजरत इब्राहीम बेटे को कुर्बान करने के लिए आगे बढ़े तो खुदा ने उनकी निष्ठा को देखते हुए इस्माइल की जगह एक दुंबा रख दिया था। इसलिए मुसलमान ईद-उल-अजहा पर बकरे, दुंबे या भेड़ की कूर्बानी करते हैं। मुसलमान कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटते हैं। इसमें से एक हिस्सा गरीबों को जबकि दूसरा हिस्सा दोस्तों और सगे संबंधियों को दिया जाता है। वहीं, तीसरे हिस्सा अपने परिवार के लिए रखा जाता है।