- हरियाली तीज पर महिलाएं देवी पार्वती की पूजा करती हैं
- हरियाली तीज पर अखंड सौभाग्य और सुहाग के लिए होती है पूजा
- इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है
Hariyali Teej 2020 : तीज तीन तरह की होती है। हरियाली, कजरी और हरतालिका तीज। सावन माह में हरियाली तीज होती है। सावन में जब हर तरफ हरियाली छाती है तब यह पर्व भी आता है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज को मनाया जाता है। आमतौर पर इसे नाग पंचमी से दो दिन पहले मनाते हैं। आइए जानें क्या है हरियाली तीज व्रत का महत्व और कथा और 2020 में इसे किस तारीख व तिथि पर मनाया जा रहा है।
Hariyali Teej 2020 Date
इस बार 23 जुलाई को यह पर्व पड़ रहा है। इस पर्व पर सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रख कर अपने अखंड सुहाग और सौभाग्य की कामना करती हैं। देवी पार्वती की पूजा-अर्चना कर कर सोलह श्रृंगार करती हैं।
Hariyali Teej 2020 Tithi
हरियाली तीज तिथि प्रारंभ | 22 जुलाई शाम 7:22 बजे से |
हरियाली तीज तिथि समाप्त | 23 जुलाई शाम 5:03 बजे तक |
Hariyali Teej 2020 Significance, Mahatva : हरियाली तीज का महत्व
तीज राजस्थान, हरयाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति के स्वास्थ्य और उनके वैवाहिक जीवन के लिए उपवास करती हैं। हाथों पर सुंदर मेहंदी और सोलह श्रृंगार के साथ वह देवी पार्वती की पूजा करती हैं और हरियाली तीज के गीत गाती हैं। एक साथ मिलकर महिलाएं ये पूजा करती हैं और इसके बाद झूला झूलते हुए गीत गाती हैं।
Hariyali Teej Shiv and Parvati Connection : हरियाली तीज पर शिव और पार्वती जी का कनेक्शन
हरियाली तीज देवी पार्वती की पूजा और भगवान शिव के साथ उनके पवित्र मिलन के लिए समर्पित है। तीज के दिन महिलाएं अपने परिवार के लिए दाल, पुलाव और रसेदार सब्जियों के साथ पापड़ जरूर बनाती हैं। साथ ही इस दिन घेवर जरूर बनाया जाता है। पूजा के बाद घेवर को एक दूसरे के घर बांटा भी जाता है।
Hariyali Teej 2020 Puja Vidhi : हरियाली तीज पूजा विधि
हरियाली का मतलब है हरा। हरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे रंग की साड़ियां, चूड़ियां और बिंदी आदि लगाती हैं। पूरे दिन निर्जला उपवास कर देवी पार्वती और भगवान शिव से अपने वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। विवाह योग्य युवतियां भी इस व्रत को मनचाहा वर पाने के लिए करती हैं। तीज पूजा में देवी पार्वती को वस्त्र, सुहाग का सामान और हल्दी के साथ बेलपत्र, फल, फूल और चावल चढ़ाया जाता है। महिलाएं बीच में देवी पार्वती की प्रतिमा रखकर व्रत कथा सुनती हैं और अपनी सास या बड़ी उम्र की महिलाओं का आशीर्वाद लेती हैं।
Hariyali Teej Puja Mantra : सौभाग्य मंत्र का अंत में करना चाहिए जाप
‘हे गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया और मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।’
अखंड सुहाग और सौभाग्य के लिए सुहागिनों को पूजा के अंत में इस दो मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।