- हिंदू धर्म में हरियाली तीज के त्यौहार का विशेष महत्व है
- यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है
- सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं
Hariyali Teej 2022 Shubh Muhurat: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर हरियाली तीज हर साल पड़ती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल हरियाली तीज का व्रत 31 जुलाई को रखा जाएगा। हिंदू धर्म में हरियाली तीज के त्यौहार का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पति की लंबी उम्र के लिए भी यह व्रत रखती हैं। यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी अच्छा वर पाने के लिए रखती हैं।
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने यह व्रत रखा था। हरियाली तीज का व्रत सबसे कठिन होता है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। इस व्रत में पूजा करने के बाद ही कुछ खाया पिया जाता है। हरियाली तीज के दिन कई तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाएं जाते हैं और इन पकवान का सबसे पहले भगवान को भोग लगाया जाता है। उसके बाद पकवान का आनंद लिया जाता है। आइए जानते हैं हरियाली तीज के दिन उन खास पकवान के बारे में जिसका भोग भगवान को लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
Also Read- Sawan Vrat Recipe: सावन के मौसम में ट्राई करें गरम-गरम जलेबी, घर में बनाएं ये लाजवाब डिश
घेवर
हरियाली तीज के दिन घेवर बनाने की प्रथा है। घेवर राजस्थान की डिश है। हरियाली तीज के दिन घेवर बनाकर माता पार्वती और भगवान शिव को भोग लगाया जाता है। घेवर दूध मैदा, घी, चीनी, केसर, बादाम, काजू के मिश्रण से बनाया जाता है। हरियाली तीज के त्योहार में घेवर का विशेष महत्व है। इसे राजस्थान में कई तरीके से बनाया जाता है। इसे बनाकर आप भगवान को भोग लगा सकते हैं।
खीर
खीर हर व्रत में सबसे शुभ माना जाता है। सूखे मेवे से बनी दूध की खीर का भोग भगवान को जरूर लगाएं। इसे व्रत में भी खाया जा सकता है। खीर बनाना बेहद आसान है।
मालपुआ
इसके अलावा हरियाली तीज में मालपुआ भी बनाया जाता है। मालपुआ आटे व मैदा किसी से भी तैयार किया जा सकता है। इसे बनाना भी बेहद आसान है। मालपुआ के लिए दूध मैदा सूजी इन चीजों की खासतौर से जरूरत पड़ती है। हरियाली तीज में इसे बनाकर भगवान को भोग लगाया जा सकता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)