- सावन के महीने में सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व है
- इस दिन शिव भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन के हर सोमवार व्रत रखते हैं
- इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं, यह चारों सोमवार का विशेष महत्व है
Temple In Sawan 2022: सावन का महीना चल रहा है। इस साल सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 12 अगस्त तक चलेगा। सावन सोमवार का पहला व्रत 18 जुलाई को हो चुका है, वहीं दूसरा व्रत 25 जुलाई को पड़ेगा। सावन के महीने में सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन शिव भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन के हर सोमवार व्रत रखते हैं। इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं। यह चारों सोमवार का विशेष महत्व है। सावन के महीने में मंदिरों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ता है। भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगता है। देश भर के मंदिरों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में शिव जी के तीर्थ स्थलों के दर्शन किए जाए तो पुण्य की प्राप्ति होती है, तो आइए जानते हैं श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में भगवान शिव के मंदिरों में दर्शन करने के महत्व के बारे में।
कामेश्वर महादेव मंदिर
कामेश्वर महादेव मंदिर मथुरा के उपवन में स्थित है। एक अति प्राचीन मंदिर है। शिव पुराण के अनुसार यह वही जगह है जहां भगवान शिव ने देवताओं के प्रतिनिधि कामदेव को जला कर भस्म कर दिया था। बताया जाता है कि राजा वज्रनाथ ने 4800 वर्ष पहले यहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी। कामेश्वर महादेव मंदिर को बज्र की चौरासी कोस परिक्रमा का अहम पड़ाव माना जाता है।
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चकलेश्वर महादेव मंदिर
चकलेश्वर महादेव का मंदिर भगवान शिव के मुख्य धार्मिक स्थलों में एक है। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि इंद्र के कोप से ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने कैलाश पति भगवान शंकर से मदद मांगी और उनका आह्वान कर उन्हें ब्रज में बुलाया। शंकर जी ने ब्रज में आकर अपने त्रिशूल को ब्रजमंडल के उपाय चक्र के समान घुमाया और उसी से घनघोर वर्षा के जल को सुखा दिया। 7 दिन और 7 रात तक इंद्र वर्षा करते रहे और इधर शिव जी का त्रिशूल उसे सोखता रहा।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)