Hartalika Songs: सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा पर्व हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस दिन जहां कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर के लिए व्रत रखती हैं वहीं सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। यह व्रत बेहद कठिन माना जाता है क्योंकि इसमें न तो कुछ खा सकते हैं और न ही पी सकते हैं।
इस बार हरतालिका व्रत 2 सितंबर को रखा जाएगा। यदि कोई महिला घर पर हरतालिका व्रत की पूजा कर रही है तो उसे पहले मिट्टी और बालू से भगवान शिव, पार्वती और श्री गणेश की प्रतिमा बना लेनी चाहिये। इन प्रतिमाओं को उचित आसान दें तथा रंगोली से सजाएं। एक घड़े पर श्री फल रखें और विधिवत कलश पूजन करें। उसके बाद श्री गणेश जी की पूजा करें और फिर इसके बाद शिव और अंतिम में माता पार्वती की विधवत पूजा करके श्रृंगार का सामान अर्पित करें। पूजा पूरी होने के बाद हरितालिका व्रत की कथा पढ़ें और उसके बाद आरती करें। इस दिन के लिये विशेष गाने और भजन भी बजाए जाते हैं, जिसका वीडियो आप नीचे देख सकती हैं...
हरतालिका तीज का पारण करने के लिए ककड़ी का प्रयोग किया जाता है। जो महिलाएं बीमार या वृद्ध हैं वो फलाहारी व्रत रहें। इस व्रत को बिना बैठाए कदापि ना छोड़ें।
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