- लाल किताब के उपाय हमेशा दिन के समय ही करने चाहिए
- सूर्यास्त के बाद लाल किताब के उपाय बिलकुल न अपनाएं
- लाल किताब के उपाय अपनाते समय सात्विक जीवन जीना चाहिए
लाल किताब में उपाय कारगर होते हैं, लेकिन तभी जब से नियम से किया जाए। लाल किताब में ही लाल किताब के उपाय अपनाने के नियम भी बताए गए हैं, लेकिन कई बार लोग केवल उपाय ही अपनाते हैं और नियम का पालन नहीं करते। ऐसे में उपाय कामगर नहीं होता है। लाल किताब के किसी भी उपाय को करने के लिए मन में श्रद्धा और विश्वास का होना जरूरी है। पूरे मन से किया गया उपाय पूर्ण फल देता है। वहीं केवल किसी के कहने या दबाव में आकर उपाय करने से वह काम नहीं करता। इसलिए यदि आप कोई भी उपाय करें तो उसे पूरे विश्वास और मन से करें। तभी यह उपाय कल्याणकारी सिद्ध होंगे। तो आइए आपको लाल किताब के कुछ नियमों के बारे में बताएं जो हर किसी को जानने चाहिए।
यह लाल किताब के प्रमुख नियम (Lal Kitab ke Niyam)
1. लाल किताब के उपाय सूर्य निकलने के बाद ही करने चाहिए। सूर्यास्त के बाद कोई भी उपाय नहीं करने चाहिए क्योंकि तब इसके अशुभ फल मिलते हैं। लाल किताब के उपाय रात में उसी दिन किए जा सकते हैं, जिस दिन चन्द्र ग्रहण हो।
2. लाल किताब के उपाय की शुरुआत के लिए खास दिन सोमवार या मंगलवार माने गए हैं। वहीं सक्रांति, अमावस्या या पूर्णिमा के दिन भी इस उपाय को अपनाने का शुभ दिन माना गया है।
3. लाल किताब के उपाय खुद के लिए या बहुत खास संबंधों के लिए किए जा सकते हैं। जैसे भाई-बहन, माता-पिता, दादा-दादी, पुत्र-पुत्री या पति-पत्नी एक दूसरे के लिए उपाय कर सकते हैं।
4. लाल किताब में यह साफ तौर से उल्लेख है कि जब भी कोई उपाय किए जाएं तो वह लगातार कई दिनों तक करने चाहिए और एक बार में एक ही उपाय करने चाहिए।
5. जब भी लाल किताब के उपाय करें मांस-मछली, मदिरा सेवन न करें। अपने व्यवहार बेहतर रखें और झूठ, क्रोध, परस्त्री या परपुरुष से संबंध आदि से दूर रहें।
6. जो उपाय जिस समय के लिये लिखा है उसी समय तक करें और जितने दिन के लिए लिखा है उतने दिन लगातार करें। बीच में यदि आपकी कामना पूरी हो जाए तो भी अपने उपाय के दिन को पूरा करने के बाद ही छोड़ें। बीच में उपाय कभी न छोड़ें।
7. यदि किसी कारण उपाय बीच में बंद करना पड़ जाय तो जिस दिन उपाय बन्द करना है उससे एक दिन पहले थोड़े से चावल दूध से धोकर सफेद कपड़े में बांध कर पास रख लें और जब दोबारा उपाय शुरू करें तो वह चावल बहते हुए जल में प्रभावित कर दें। इससे आपका उपाय खंडित नहीं होगा।
8. हर उपाय 43 दिन या 43 सप्ताह या 43 मास या 43 वर्ष तक करना होता है। प्रत्येक समस्या के लिए अलग-अलग उपाय और दिन निर्धारित होते हैं।
9. जन्म कुण्डली में अशुभ ग्रहों का वर्षफल कुण्डली में उपाय अपने जन्मदिन से लेकर 40-43 दिन के भीतर ही करें ।
10. घर में कोई सूतक (बच्चा जन्म हो) या पातक (कोई मर जाय) हो जाय तो 40 दिन उपाय नहीं करने चाहिये ।
तो लाल किताब के उपाय अपनाते हुए आप इन नियमों का पालन कर लेंगे तो आपके किए गए उपाय कभी खाली नहीं जाएंगे।