Raksha Bandhan 2018: आज पूरे देश में रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर प्यार से राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती है। राखी बांधते वक्त वह अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है, जिसका शुभ महत्व होता है।
जिस तरह से राखी को अमृत मुहूर्त में बांधना सर्वोत्तम माना जाता है ठीक उसी तरह से शास्त्रों में कुमकुम का तिलक लगाना भी शुभ माना गया है। आइये जानते हैं इसके महत्व के बारे में...
हमारे शास्त्रों के अनुसार माथे पर श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है। रक्षाबंधन के दिन माथे पर कुमकुम और चावल का तिलक लगाया जाता है। इस तिलक को माथे के बीच में लगाते हैं। यह तिलक विजय, मान-सम्मान और वर्चस्व का प्रतीक माना जाता है।
क्यों लगाते हैं कुमकुम के साथ अक्षत का तिलक
हमारे शास्त्रों के अनुसार चावल एक शुद्ध अन्न है, जो हवन में देवताओं को चढ़ाया जाता है। यह हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। कच्चे चावल का तिलक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला होता है। साथ ही इससे हमारे आस पास की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
तिलक लगाते वक्त माथे के बीच में बनाएं दबाव
तिलक लगाते वक्त माथे के बीच में दवाब देना चाहिए। यह स्थान छठी इंद्री का है। यदि इसके वैज्ञानिक कारण की बात करें तो दबाव देने से स्मरण शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता, बौद्धिकता, साहस और बल में वृद्धि होती है।
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