- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को खुश करने के लिए पीले रंग का इस्तेमाल किया जाता है
- इस शुभ अवसर पर मां सरस्वती को पीले रंग का फूल, वस्त्र और प्रसाद अर्पित किया जाता है
- हिंदू धर्म शास्त्रों में इस दिन पीले रंग का वस्त्र पहनना शुभ माना गया है
हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन बसंत पंचमी का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती ने धरती पर जन्म लिया था, इसलिए यह दिन मां सरस्वती को समर्पित है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है और उन्हें पीले रंग के फूल, मिष्ठान और वस्त्र अर्पित किए जाते हैं। हिंदू पंचांग के गणना के मुताबिक इस वर्ष 16 फरवरी को बसंत पंचमी मनाया जाएगा।
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का इस्तेमाल करना बहुत शुभ माना गया है और कहा जाता है कि पीले रंग से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं। पीला रंग ना ही सिर्फ वैज्ञानिक तर्क से फलदायक माना गया है बल्कि हिंदू धर्म में पीले रंग को शुद्ध, निर्मल और सात्विक प्रवृत्ति का कहा गया है। जानकारों के मुताबिक पीला रंग डिप्रेशन दूर करने में मदद करता है और साथ में यह हमारे मस्तिष्क को एक्टिव बनाता है। आत्मविश्वास को बढ़ाने में और मन को प्रसन्न रखने में भी पीला रंग कारगर साबित होता है। अगर आप पीले रंग के धार्मिक महत्व से अनजान हैं तो आपको यह लेख जरूर पढ़ना चाहिए।
क्या है पीले रंग का धार्मिक महत्व?
उत्कृष्ट पंडितों के अनुसार, हिंदू धर्म में पीला रंग बहुत पवित्र माना गया है। कहा जाता है कि पीला रंग सादगी और निर्मलता का प्रतीक है। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक पीले रंग को बृहस्पति का परिचायक कहा गया है। बृहस्पति देव ज्ञान और बुद्धि की बढ़ोतरी करते हैं और उन्हें पीला रंग अति प्रिय है, इसके साथ मां सरस्वती को भी पीला रंग बहुत पसंद है इसीलिए बसंत पंचमी के दिन पीले रंग उपयोग किया जाता है।
दूसरी ओर, पीले रंग का इस्तेमाल इसलिए भी होता है क्योंकि बसंत पंचमी के दिन सूर्य उत्तरायण का योग होता है। सूर्य की पीली किरणों को बहुत अनुकूल माना गया है इसलिए लोग बसंत पंचमी के दिन पीले कपड़े पहनते हैं। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा में पीले फूल, मिठाई और वस्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है।
बसंत पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी की तिथि: - 16 फरवरी 2021
बसंत पंचमी प्रारंभ: - 16 फरवरी 2021 (सुबह 3:36 से लेकर)
मध्याह्न काल: - 16 फरवरी 2021 (दोपहर 12:35 तक)
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: - सुबह 06:59 मिनट से लेकर दोपहर 12:35 तक
पंचमी तिथि समाप्त: - 17 फरवरी 2021 (सुबह 5:46 तक)