- रमणरेती आश्रम में फूलों और गुलाल की होली होती है
- बरसाना और नंदगांव में लठ्टमार होली के बाद श्रीकृष्ण जन्मस्थान में मनाई जाती है होली
- दाऊजी का हुरंगा होली भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदेव पर है केंद्रित
Braj Ki Holi 2021 Complete Schedule: चालीस दिनों तक चलने वाले होली पर्व की शुरुआत मथुरा वृंदावन में हो चुकी है और होली में भी अब चंद दिन ही बाकी हैं। ऐसे में पूरे देश में होली का माहौल साफ नजर आ रहा है खासकर मथुरा वृंदावन में होली का माहौल बन चुका है। यहां पर होली पर्व की शुरुआत होली से 40 दिन पहले यानि सरस्वती पूजन से शुरु हो जाती है। वसंत पंचमी यानि सरस्वती पूजन के दिन भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों संग वृंदावन में होली खेलते हैं। ब्रज में इस दिन मंदिरो में ठाकुरजी को गुलाल अर्पण कर भक्तों पर भी प्रसाद के रूप में गुलाल डाला जाता है। ब्रज में होली महोत्सव का आनंद लेने के लिए देश दुनिया के श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं ब्रज में होली के कार्यक्रम की पूरी जानकारी।
सरस्वती पूजन से होता है होली का आरंभ
ब्रज में होली की शुरुआत 16 फरवरी यानि वसंत पंचमी से शुरु हो चुकी है, इस दिन से ब्रज में होली की शुरुआत हो जाती है। इस दिन बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी को गुलाल अर्पण कर, रसिया, फाग के पद, धमार, और होली के गीतों का आरंभ हो चुका है। देश विदेश में विख्यात ब्रज की होली में समाज गायन विशेष स्थान रखता है, जिसमें होली गीत और पदगायन की एक अनूठी परंपरा है।
इसमें पारंपरिक अंदाज में ठाकुरजी के समक्ष ब्रजवासी ब्रजभाषा में होली के पदों का गायन करते हैं। समाज गायन की शुरुआत भी ब्रज के मंदिरों विशेषरूप से बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर स शुरु होती है। इसके बाद रमणरेती आश्रम में फूलों और गुलाल की होली होती है, इस दिन ठाकुर रमण बिहारी का आंगन होली के रंगों में सतरंगी हो जाएगा।
रमणरेती आश्रम में फूल और गुलाल की होली
रमणरेती आश्रम में फूलो और गुलाल की होली होती है। इसमें टेसूके फूलों और गुलाल से होली खेली जाती है। वास्तव में यह दृश्य बांकेबिहारी की भक्ति लीन कर देता है। रमणरेती आश्रम में होली का आयोजन 16 मार्च को किया जाएगा।
बरसाना की लड्डू होली
मथुरा के बरसाना में लड्डू होली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। यह बरसाना की विश्वविख्यात लठ्ठमार होली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन बरसाना में लड्डू मार होली खेली जाती है। इस बार लड्डू होली 22 मार्च को मनाई जाएगी।
बरसाना की लठ्ठमार होली
मथुरा में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन लठ्टमार होली खेली जाती है। इस दिन नंदगांव के लोग बरसाना जाकर लठ्ठमार होली खेलते हैं। वहीं दशमी के दिन यानि अगले दिन बरसाने के ग्वाला नंदगांव लठ्ठमार होली खेलने के लिए आते हैं । ये होली बड़े प्यार औऱ सद्भावना के साथ बिना एक दूसरे को नुकसान पहुंचाए खेली जाती है। इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में देश विदेश से भक्त मथुरा पहुंचने लगे हैं। इस बार बरसाने में लठ्टमार होली 23 मार्च को मनाई जाएगी।
आपको बता दें लठ्ठमार होली खेलने की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के समय से शुरु हुई है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ बरसाने होली खेलने के लिए जाया करते थे, भगवान श्रीकृष्ण औऱ उनके सखा यहां सखियों के साथ ठिठोली किया करते थे। जिससे गुस्सा होकर सखियां ग्वालों पर डंडे बरसाया करती थी।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मे होली
बरसाना औऱ नंदगांव में लठ्टमार होली के बाद रंगभरनी एकादशी के दिन श्रीकृष्ण जन्मस्थान द्वारकाधीश में होली मनाई जाती है। इस दिन ब्रज में देश विदेश से आए भक्तों के साथ पूरा मथुरा होली के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए एकत्रित होता है। इस बार यह होली 25 मार्च को मनाई जाएगी।
गोकुल में छड़ी मार हुरंगा होली
भगवान श्रीकृष्ण जी के गांव गोकुल में इस साल 27 मार्च को छड़ी मार होली खेली जाएगी। गोकुल में भगवान श्रीकृष्ण बाल्यकाल में रहे थे।
दाऊजी का हुरंगा
दाऊ जी का हुरंगा होली दाऊजी मंदिर में आयोजित किया जाता है, दाऊजी का हुरंगा होली ब्रज की होली का मुकुटमणि है। बरसाना, मथुरा एवं गुल की होली के बाद इस होली का आयोजन दाऊजी के मंदिर में किया जाता है। आपको बता दें ब्रज की होली भगवान श्रीकृष्ण पर केंद्रित है और दाऊजी का हुरंगा होली भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदेव पर केंद्रित है। इस बार दाऊजी का हुरंगा होली 31 मार्च को मनाई जाएगी।