- हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है जो चैत्र मास में पड़ती है
- कामदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है तथा पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है
- कामदा एकादशी जन्म जन्मांतर के पाप दूर करने में प्रभावी है
नई दिल्ली: चैत महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह एकादशी हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी मानी जाती है। हिंदू पंचांग के गणना के मुताबिक, वर्ष 2021 में कामदा एकादशी 23 अप्रैल के दिन यानी शुक्रवार को पड़ रही है।
बाकी सभी एकादशियों की तरह ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक कामदा एकादशी पर पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। यह भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से प्रेत योनि से भी मुक्ति प्राप्त होती है।
कामदा एकादशी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है और इस दिन कई शुभ काम किए जाते हैं। कहा जाता है कि कामदा एकादशी पर मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ होता है। मंत्रों के जाप से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
कामदा एकादशी का महत्व
पंडित सुजीत जी महाराज के मुताबिक कामदा एकादशी मोक्ष प्राप्ति के लिए बेहद अनुकूल मानी गई है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करने से काम, क्रोध, लोभ और मोह जैसे पापों से भी मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि इस दिन जो भक्त भगवान विष्णु की पूजा सच्चे मन से करता है उसे बैकुंठ में स्थान मिलता है।
कामदा एकादशी का मंत्र
कामदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं तथा अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।