- कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें
- सावन माह में कामिका एकादशी का पुण्यलाभ दोगुना माना जाता है
- कामिका एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा जरूर करें
कामिका एकादशी व्रत 16 जुलाई को है। कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा के साथ कुछ ऐसे उपाय जरूर करने चाहिए जो आपकी परेशानियों को दूर कर सकें। यदि आपके अथक प्रयास और कड़ी मेहनत के बाद भी आपको सफलता नहीं मिलती या आपके जीवन में परेशानियों के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे तो आपको कामिका एकादशी के दिन व्रत भी रखना चाहिए और कुछ अचूक उपाय भी आजमाने चाहिए।
इन उपायों से हर संकट से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही आपके भाग्य का दरवाजा भी खुल जाएगा। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष पर कामिका एकादशी पड़ती है और यही वजह है कि इस एकादशी का पुण्यलाभ दोगुना मिलता है।
Kamika Ekadashi 2020 : कामिका एकादशी पर करें ये उपाय, चमक जाएगी किस्मत
- यदि घर में सुख और शांति नहीं अथवा परेशानियां जाने का नाम नहीं ले रहीं तो कामिका एकादशी के दिन शाम को तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं और ॐ वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करते हुए तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें। ये उपाय आपके संकट को दूर करने में बहुत कारगर साबित होगा।
- यदि आपकी कोई इच्छा या मनोकामना हो तो उसकी पूर्ति के लिए कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पीले रंग फूल और भोग अर्पित कर अपनी कामना कहें। इसके बाद भगवान के चरणों में बैठ कर विष्णु गायत्री महामंत्र “ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि” का कम से कम 51 बार जाप करें।
- यदि धन संकट से जूझ रहें तो कामिका एकादशी के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को खीर में तुलसी के पत्ते डाल कर भोग लगाएं। इसके बाद इस खीर का प्रसाद जितना हो सके उतना लोगों में बांटे। इससे आपके धन संबंधी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
- विपत्तियों से मुक्ति के लिए कामिका एकादशी के दिन पीले फल, कपड़े व अनाज भगवान विष्णु को अर्पित करें। उसके बाद ये सारी चीजें किसी गरीब को दान कर दें।
- यदि आप कर्ज के बोझ से दबे हैं तो आपको कामिका एकादशी के दिन शाम के समय पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना चाहिए। पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है और मान्यता है कि कामिका एकादशी के दिन जल और दीप दान से मानसिक शांति भी मिलती है।
- सुख-सौभाग्य और समृद्धि के लिए कामिका एकादशी के दिन सुहागिन स्त्रियों को अपने घर बुलाकर उन्हें फलाहार खिलाएं और सुहाग की सामग्री वितरीत करें।
- कामिका एकादशी पर तुलसी की माला से ॐ नमो वासुदेवाय नमः का जाप करें। इस जाप को आप यथा शक्ति चाहे जितना करें। इससे आपकी जीवन की हर समस्या दूर होगी और आपके प्रगति के मार्ग खुलेंगे।
- कामिका एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करने का भी विधान होता है। इससे भगवान विष्णु ही नहीं मां लक्ष्मी भी बेहद प्रसन्न होती हैं। शंख को लक्ष्मी जी का भाई माना गया है।
कामिका एकादशी पर इनमें से किसी एक उपाय को आप अपनी समस्या के आधार पर आजमाएं। सावन मास में पड़ने वाली कामिका एकादशी का पुण्यलाभ दोगुना माना गया है।
कामिका एकादशी व्रत पूजा विधि (Kamika Ekadashi Puja Vidhi):
इस एकादशी पर किया गया व्रत सभी पापों और कष्टों को नष्ट करता है और समृद्धि लाता है। कामिका एकादशी व्रत विधान इस प्रकार है:
1. सुबह जल्दी स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें और फिर भगवान विष्णु की पूजा करें।
2. भगवान को फल, फूल, तिल (तिल), दूध और पंचामृत चढ़ाएं।
3. व्रत के दिन भगवान विष्णु के नाम का पाठ करें और पूजा (भजन-कीर्तन) करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
5. अगले दिन द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन और दान दें। फिर, केवल अपना खाना खाएं।
कामिका एकादशी व्रत कथा (Kamika Ekadashi Vrat Katha):
महाभारत काल के दौरान, धर्मराज युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण से कहा, 'हे भगवान, कृपया मुझे कामिका एकादशी की कहानी और महत्व बताएं।' भगवान कृष्ण ने कहा- 'ब्रह्मा जी ने स्वयं इस एकादशी की कथा देवर्षि नारद को सुनाई थी, इसलिए मैं भी आपको वही बताऊंगा।'
एक समय था जब नारद जी ने ब्रह्मा जी से कामिका एकादशी की कथा सुनने की इच्छा व्यक्त की। तब ब्रह्मा जी ने कहा- 'हे नारद! कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।' इस दिन शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
गंगा, काशी, नैमिषारण्य और पुष्कर जैसे तीर्थों में स्नान करने से प्राप्त फलों को भगवान विष्णु की पूजा से भी प्राप्त किया जाता है। अपने पापों से डरने वाले व्यक्ति को कामिका एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। जो भी व्यक्ति इस एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु को समर्पित तुलसी के पत्ते (तुलसी पत्र) अर्पित करता है, उसे अच्छे फल और सौभाग्य प्राप्त होते हैं।