- करवा चौथ का व्रत इस बार 24 अक्टूबर को है।
- करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है।
- सूर्योदय से व्रत आरंभ होता है और चंद्रोदय पर इसकी समाप्ति होती है।
How husband can perform karwa chauth rituals: करवा चौथ का व्रत पत्नियां अपने पति की लंबी आयु और तरक्की के लिए रखती है। मगर आधुनिक जमाने में अब पति भी अपनी पत्नियों के लिए समान भावना रखते हैं। ऐसे में वे भी इस व्रत का पालन करते हैं। पति अपनी पत्नी के मंगल जीवन और उसके साथ के लिए करवा चौथ का व्रत रख सकते हैं। इसके अलावा अगर आपकी पत्नी अस्वस्थ है या प्रेगनेंट है और वह ऐसी स्थिति में व्रत नहीं रख सकती तब भी पति उनकी जगह इस व्रत को रख सकते हैं। इस व्रत को रखने के लिए उन्हें कुछ खास नियमों का पालन करना होगा।
- अगर पति करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं तो वह भी निर्जला उपवास रख सकते हैं, लेकिन अगर वे इसमें असमर्थ तो वह सजल व्रत का पालन कर सकते हैं।
- व्रत रखने की शुरुआत सूर्योदय पर स्नान के बाद संकल्प के साथ करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहन कर शिव परिवार की पूजा करें।
- इस दिन पतियों को काले, भूरे, नीले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
- शाम के समय पति को पूजा करनी चाहिए। इस दौरान करवा मां की कथा पढ़ें व सुनें। आप चाहे तो इसमें अपनी पत्नी के साथ भी बैठ सकते हैं।
- व्रत चंद्र दर्शन के साथ पूर्ण होता है। इसलिए चांद निकलने पर छलनी से इसे देखें और जल, दूध, अक्षत एवं पुष्प मिलाकर अर्घ्य दें। इस दौरान आप चंद्र देव से अपनी पत्नी की सलामती और अपने वैवाहिक जीवन में खुशहाली की प्रार्थना करें।
- व्रत का पारण वैसे ही करें जैसे पत्नियां अपने पति के हाथों जल पीकर करती हैं। पति अपनी पत्नी के हाथ से जल पिएं।
व्रत के नियमों का पालन आप अपने सामर्थ्य के अनुसार कर सकते हैं। यह व्रत दांपत्य जीवन के प्रेम को बढ़ाने के लिए होता है और इसे करने से भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। माना जाता है कि पति एवं पत्नी इस व्रत को साथ रखने से दामपत्य जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही उनके संबंध और मजबूत बनते हैं।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिषाचार्यों एवं अन्य जानकारियों पर आधारित हैं। हमारा मकसद महज सूचना प्रदान करना है। इसकी प्रमाणिकता की हम पुष्टि नहीं करते हैं। किसी भी नियम का पालन करने से पहले जानकार की राय लें।