- सरगी एक तरह से सास की ओर से बहू को दिया जाने वाला आशीर्वाद है
- सरगी में खाने पीने की चीजें प्रमुख रूप से रखी जाती हैं
- सरगी में शामिल चीजों को खाने के बाद ही व्रत की शुरुआत होती है
Know What is Sargi in Krawa Chauth: करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, उनकी तरक्की और सौभाग्य के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर माता गौरी और करवा माता की पूजा करती हैं। इस दिन वह सोलह श्रृंगार भी करती हैं। इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर को है। इस दिन बेहद शुभ संयोग भी बन रहा है। क्योंकि 5 साल बाद यह व्रत रोहिणी नक्षत्र में पड़ रहा है। करवा चौथ व्रत में सरगी का भी विशेष महत्व होता है। इसी के साथ व्रत की शुरुआत होती है। तो क्या है सरगी और इनमें क्या चीजें रखना है जरूरी जानिए पूरी डिटेल।
क्या होती है सरगी?
करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू होता है। व्रत आरंभ करने से पहले बहू सास की ओर से भेंट में दी गई सरगी का सामान खाती है। इसमें फल से लेकर सूखे मेवे आदि जरूरी चीजें होती हैं। इन्हें खाने से पूरे दिन व्रत में थकान नहीं लगती है और भूख प्यास से बेचैनी नहीं लगती है। आमतौर पर सरगी की प्रथा पंजाबी समुदाय में ज्यादा प्रचलन में है, लेकिन अब इसे दूसरे लोग भी अपनाते हैं। सरगी एक तरह से व्रत के लिए सास की ओर से दिया गया आशीर्वाद होता है।
सरगी खाने का सही समय
सरगी सूर्य निकलने से पूर्व खाई जाती है। सरगी खाने का सबसे सही समय सुबह तीन या चार बजे होता है। इसके बाद व्रत करने वाली महिलाओं को पानी भी नहीं पीना होता है। अगर किसी की सास साथ न रहती हों तो सरगी पहले ही बहू के लिए भिजवा दिया जाता है। बहू इस सरगी को खुद बनाकर खाती है। यदि सास न हो तो सास समान जेठानी या भाभी भी इस सरगी को दे सकती हैं।
सरगी में ये चीजें शामिल करना जरूरी
ताजे फल
सरगी में ताजे फल शामिल किए जाते हैं, खासतौर पर इनमें मौसमी, अनानास, सेब आदि फल रखे जाते हैं। यह शरीर में पानी की कमी पूरी करते हैं। इससे पर्याप्त मिनरल्स और विटामिन्स भी मिलते हैं।
सूखे मेवे
सूखे मेवे आपको ऊर्जा और कई पोषक तत्व प्रदान करते हैं। सरगी थाली में काजू, बादाम, किशमिश और पिस्ता शामिल करते हैं। इनमें प्रोटीन काफी होता है, इन्हें खाने से थकान नहीं लगती है।
हलवा या सेंवई
सरगी की थाली में सेंवई व हलवा रखा जाता है। ये मीठे होते हैं, जिससे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलेगी। इसके अलावा किसी भी शुभ काम की शुरुआत घर के पारंपरिक मीठे से किया जाता है। कई लोग फेनिया भी इसमें रखते हैं। इसे शुभ माना जाता है।
मिठाई
व्रत की शुरुआत किसी मिठाई से कर सकते हैं। इसमें ग्लूकोज और सुक्रोज होता है। इससे पूरे दिन ऊर्जा रहेगी।
सुहाग का सामान
सरगी में सुहाग का सामान भी दिया जाता है। इसमें बिंदी, बिछिया से लेकर चुनरी आदि सामान भेंट में दिया जाता है। ये सौभाग्य का प्रतीक होता है।