- बुधवार के दिन किसी को न उधार दें, न किसी से लें
- गणेश जी को लाल या पीला ही फूल चढ़ाएं
- बुधवार के दिन किन्नर का अपमान कभी न करें
गणपति जी की पूजा का विशेष दिन बुधवार माना गया है। इस दिन गणपति जी पूजा करते समय कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा पूजा के विपरीत प्रभाव मिलते हैं। गणपति जी ज्ञान, बुद्धि, धन, सुख-समृद्धि के साथ ही संकट हरने वाले माने गए हैं। भगवान गणपति की पूजा किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले हमेशा करना चाहिए,क्योंकि तभी कार्य सफल होता है। गणपति जी की पूजा से सभी प्रकार के कष्ट का निवारण होता है। तो आइए आपको बताते हैं कि बुधवार के दिन भगवान गणपति की पूजा किन मंत्रों और नियम के साथ करें ताकि कोई भूल न होने पाए।
जानें, गणपति पूजा के नियम और विधि
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भगवान गणपति को हरा रंग प्रिय हैं, लेकिन पुष्प उन्हें लाल या पीला ही चढ़ाना चाहिए। खास कर गुड़हल या कनैल के पुष्प उन्हें बहुत पंसद आता है।
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गणपति जी की पूजा में जब भी आप कोई चीज उन्हें समर्पित करें, साथ में ऊँ गं गणपतये नम: या श्री गणेशाय नम: का जाप करते रहे।,
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गणपति जी को दूर्वा ही केले के पत्ते, बेलपत्र और पान का पत्ता आदि भी चढ़ाना चाहिए।
भूल कर भी न करें बुधवार के दिन ये काम
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बुधवार के दिन किन्नर का अपमान कभी न करें। माना जाता है कि भगवान गणपति किन्नरों के अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करते। इसलिए कम से कम बुधवार को ये काम बिलकुल न करें। बल्कि बुधवार के दिन किन्नरों को पैसे या श्रृंगार सामग्री दान करना चाहिए।
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कन्या अपमान करना बहुत घनघोर पाप माना गया है और बुधवार के दिन यदि आप किसी कन्या को कष्ट पहुंचाते हैं तो आपको भगवान गणपति के कोप का भाजन बनना पड़ेगा।
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बुधवार के दिन किसी भी पशु को न मारें न उसे तंग करें। बल्कि गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए।
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इस दिन न किसी से उधार ले न दें। इस दिन उधार लेन-देन करने से संचित धन में कमी आती है।
इन कर्मों से होते हैं गणपति जी प्रसन्न
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बुधवार के दिन सिंदूर का तिलक माथे पर लगाना चाहिए।
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गणपति जी की पूजा हमेशा हरे रंग के वस्त्र को पहन कर करें।
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बुधवार के दिन महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां पहनना चाहिए।
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बुधवार के दिन मेंहदी लगाने सुहाग पर आने वाला खतरा दूर होता है।
संकट मुक्ति गणेश दूर्वा मंत्र
करान्सह रितान मृतन्मंगल प्रदान।
आनी तांस्तव पूजार्थ गृहाण परमेश्वर।।
बुधवार के दिन इस मंत्र से भगवान गणेश की पूजा शुरू करें और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी करें। इसके बाद प्रसाद चढ़ाएं। ऐसा करने से धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।