- 18 अगस्त के साथ 19 अगस्त को भी मनाई जा रही है जन्माष्टमी।
- जन्माष्टमी पर होती है श्री कृष्ण ती विधिवत पूजा।
- कृष्ण जन्मोत्सव पर नहीं करने चाहिए कुछ काम।
Krishna Janmashtami 2022 Date, Time, Puja Vidhi, Kya Nahi Karein (कृष्ण जन्माष्टमी 2022 पर ना करें ये काम): आज पूरे भारत में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहाक मनाया जा रहा है। इस साल 18 और 19 अगस्त दोनों ही दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है। वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण भक्त की शुद्ध और सच्ची भावना से ही प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन कई बार भक्त जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें नुकसान होने का डर बना रहता है। आज हम कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बताएंगे, जिससे आपको बचना चाहिए।
Janmashtami 2022 Puja Vidhi, Muhurat, Mantra
-अगर आपने जन्माष्टमी का व्रत रखा है तो रात 12 बजे के पहले व्रत को न खोलें। ऐसा करने से आपका व्रत टूट जाता है और आपकी पूजा अधूरी रह जाती है। साथ ही आपको कोई इच्छाफल नहीं मिल पाएगा। ऐसे में आपका व्रत करना व्यर्थ हो जाएगा।
- जन्माष्टमी की पूजा के दौरान आप इतने भी लीन न हो जाएं कि भगवान की भोग में तुलसीदल रखना ही भूल जाएं। क्योंकि श्री कृष्ण की पूजा में तुलसी का बेहद महत्व है। ऐसे में उनके भोग में भी तुलसी के पत्ते का होना बहुत जरूरी है। भोग सामग्री के अलावा, पूजन में भी इसका इस्तेमाल करें।
Janmashtami 2022 Puja Muhurat, Vidhi, Mantra
- कभी भी भगवान के दर्शन उनके पीठ के ओर से नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आपके द्वारा की गई पुण्य कम होने लगता है। हालांकि भगवान के प्रसन्न चेहरे को देख आपके अंदर अपने आप एक ऊर्जा का प्रवाह होने लगेगा। इसलिए हमेशा कृष्ण के मुख की तरफ से ही उनका दर्शन करें।
- मान्यता के मुताबिक, कण कण में भगवान श्री कृष्ण का वास होता है। ऐसे में इस दिन पेड़ों का कटाव बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है। बल्कि इसके जगह 2-3 पेड़ आप भले ही लगा दें। ऐसा करने से आपके घरों में सुख-शांति बनी रहेगी और पुण्य मिलेगा।
Janmashtami 2022 Puja Vidhi, Muhurat
-जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर किसी को भी नाराज या अपमानित न करें। ऐसा करने से आपको व्यक्ति की आह लग सकती है। यदि आपसे गलती हो भी जाती है तो इसे फौरन स्वीकार कर माफी मांग लें।
- कृष्ण जन्माष्टमी के दिन गंधयुक्त भोजन यानि प्याज-लहसुन से बनी चीजों का सेवन न करें। बल्कि इस दिन सात्विक भोजन लें। जो लोग पूजा-पाठ या व्रत इस दिन नहीं भी करते हैं, वो भी कोशिश करें कि इस दिन चावल न खाएं।
वास्तव में भगवान श्री कृष्ण को गौ माता से बेहद प्रेम है। बाल कृष्ण का लालन पालन एक ग्वाले के घर हुआ है। उन्होंने अपना पूरा बचपन गाय के साथ खेलने में गुजारा है। ऐसे में भक्तों को चाहिए कि इस दिन गाय के साथ अत्याचार न करें। बल्कि उनकी भली भांति देखभाल करें। साथ ही इस अवसर पर गाय की पूजा भी करें। इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होंगे।