खगोल गणनाओं के अनुसार कुंभ मेला (Kumbh Mela) मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन से शुरू होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा, वृश्चिक राशि में और वृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं,मकर संक्रांति के होने वाले इस योग को 'कुम्भ स्नान योग' कहते हैं और इस दिन को विशेष मंगलकारी माना जाता है। हिंदू धर्म में कुंभ मेले का विशेष महत्व है और इसे लेकर श्रद्धालु काफी पहले से ही काफी तैयारी शुरू कर देते हैं,कुंभ मेला इस बार हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है, कुंभ मेले में शाही स्नान का खासा महत्व माना जाता है, साथ कुछ प्रमुख स्नान भी होते हैं, इनकी तिथियों के बारे में हम आपको यहां बताएंगे साथ ही इस बार के जरूरी नियमों पर भी एक नजर डालते हैं क्योंकि इस बार कोरोना महामारी के चलते स्थितियां पिछली बार से थोड़ी बदली हुई होंगी।
गौरतलब है कि कुंभ का आयोजन ज्योतिष गणना के आधार पर किया जाता है वहीं ग्रहों की चाल के कारण इस बार का कुंभ मेला 11वें वर्ष में मनाया जा रहा है। कुंभ मेले का इंतजार श्रद्धालुओं को बेसब्री से रहता है,हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कुंभ में स्नान करना बहुत ही पुण्य दायक माना गया है, इसी कारण कुंभ मेले में आस्था का सैलाब उमड़ता है।
कुंभ मेले में आने वाले लोगो के लिए उत्तराखंड के एंट्री पॉइंट और जिले में रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई जारी है,जनपदों में स्मार्ट सिटी पोर्टल पर जो भी व्यक्ति राज्य के अंदर से या बाहरी राज्यों से आ रहे हैं उनके लिए रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं।
श्रद्धालुओं को कोविड-19 से बचने के लिए तैयार गाइडलाइन का पालन करना होगा साथ ही श्रद्धालुओं को थर्मल स्क्रीनिंग सहित अन्य आवश्यक प्रक्रियों से गुजरना होगा उनको सुरक्षित रखने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
शास्त्रों में कुंभ के दौरान गंगा में स्नान (Ganga Snan) करने का विशेष महत्व माना गया है उसके मुताबिक जो व्यक्ति कुंभ के दौरान गंगा में स्नान करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, उसे सभी रोगों और पापों से मुक्ति मिलती है वहीं कुंभ के दौरान पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान भी किया जाता है।
कुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व माना जाता है, इस बार कुंभ 4 शाही स्नान हैं इसके मुताबिक पहला शाही स्नान 11 मार्च शिवरात्रि को दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या को वहीं तीसरा मुख्य शाही स्नान 14 अप्रैल मेष संक्रांति को तो चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल बैसाख पूर्णिमा को होगा।
वहीं कुंभ मेले के प्रमुख स्नानों पर भी एक नजर डाल लें इसके मुताबिक- पहला स्नान गुरुवार 14 जनवरी 2021 मकर संक्रांति, दूसरा स्नान गुरुवार, 11 फरवरी मौनी अमावस्या को तीसरा स्नान मंगलवार 16 फरवरी बसंत पंचमी को तो चौथा स्नान शनिवार 27 फरवरी माघ पूर्णिमा को वहीं पांचवा स्नान मंगलवार 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन तो छठा स्नान बुधवार, 21 अप्रैल राम नवमी को होगा।