- मांगलिक होना एक आम दोष की तरह है
- मांगलिक से शादी न करने पर पति की मृत्यु होने वाली बात वैज्ञानिक सत्यता से दूर
- मांगलिक न होने पर शादी टूट जाती है, ये सच नहीं
नई दिल्ली: भारत में शादी से पहले वर-वधु की कुंडली मिलाई जाती है। कुंडली मिलान के समय लड़के या लड़की के मांगलिक दोष का पता चलता है। उस मांगलिक दोष के निवारण के लिए आपके पंडित कई उपाय बताते हैं। वैसे मांगलिक होना कोई असाधारण बात नहीं है। ये आम बात है।
मंगल दोष से जुड़ी बातें
भारत में मंगल दोष से जुड़ी कई तरह की बातें प्रचलित हैं। सबसे पहले तो मंगल दोष वाला लड़का या लड़की उसी दोष वाले में ही शादी कर सकती है। मांगलिक जोड़े में शादी न करने से वैवाहिक जीवन दुखों से भरा रहता है। कई बार तो मांगलिक न होने से लड़का और लड़की का तलाक हो जाता है।
अगर लड़की मांगलिक है और लड़का नहीं, तो शादी के बाद लड़के की मौत हो सकती है।
जानें सच
सबसे पहले आपको इसकी वैज्ञानिक जानकारी देते हैं। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात आपको बता दें कि अभी तक कोई भी शोध और वैज्ञानिक प्रमाण ये नहीं कहता है कि बेजोड़ मांगलिक जोड़े मिलान करने वालों की तुलना में कम खुश होते हैं।
वास्तव में क्या है मंगल दोष
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मांगलिक या कुंडली में मंगल दोष सक्रीय वाले लोगों की कुंडली में लूनर चार्ट में चंद्रमा 1, 2, 4 वें, 7 वें, 8 वें या 12 वें घर में से किसी एक में होता है।
मंगल दोष के बारे में रखें सही जानकारी
मंगल दोष का संबंध मंगल ग्रह से है। मंगल आत्म-सम्मान, स्वभाव, अहंकार और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक आक्रामक ग्रह है। यदि जन्म कुंडली (कुंडली) के विशिष्ट क्षेत्रों में रखा जाता है, तो आप आक्रामक और हिंसक हो सकते हैं और इससे वैवाहिक कलह हो सकती है।
मांगलिक से जुड़े है कई मिथक
मांगलिक होने से जुड़े कई मिथक हैं, जिन्हें जानना बहुत जरूरी है। मंगलवार को पैदा हुए हैं तो जरूर मांगलिक हैं। बहुत से लोग ऐसा कहते और सोचते हैं, लेकिन ये सच नहीं है। ऐसी मान्यता है कि मांगलिक को मांगलिक से शादी करना चाहिए, लेकिन ये जरूरी नहीं है। इस तथाकथित 'प्रसिद्ध' मान्यता के पीछे कोई विज्ञान या तर्कसंगत तर्क नहीं है।
किसी मांगलिक से शादी न करने पर पति या करीबी रिश्तेदार की मौत हो जाने वाली बात भी पूरी तरह से असत्य है। मांगलिक होने से आपकी शादी टूट जाती है वाली कहावत भी सच नहीं है। आपका मांगलिक होना आपकी शादी की मियाद को तय नहीं करता। शादी की डोर तो पति-पत्नी के स्वाभाव पर निश्चित करती है।