- लक्ष्मी जयंती की तिथि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के सबसे अनुकूल मानी जाती है।
- इस दिन समुद्र मंथन से मां अवतरित हुई थी।
- लक्ष्मी जयंती के दिन करें माता के 1008 नामों का उच्चारण, सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण।
Laxmi Jayanti 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List: प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को लक्ष्मी जयंती का पावन पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी जयंती की तिथि माता को प्रसन्न करने के लिए सबसे अनुकूल मानी जाती है, क्योंकि इस दिन समुद्र मंथन से माता अवतरित हुई थी। कहते हैं कि लक्ष्मी जयंती के दिन श्रद्धा भाव से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से घर में कभी धन्य धान की कमी नहीं होती। वहीं भविष्य पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा पर विधिवत मां लक्ष्मी की पूजा करने से 21 कुलों के लिए लक्ष्मी लोक में निवास का मार्ग खुल जाता है। ऐसे में इसे लेख के माध्यम से आइए जानते हैं लक्ष्मी जयंती की पूजा विधि।
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Laxmi Jayanti Puja Vidhi, लक्ष्मी जयंती पूजा विधि
- सर्वप्रथम इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें।
- अब मंदिर में आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
- इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर गंगा जल छिड़क कर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- अब एक लोटे में गंगाजल भरकर तीन बार आचमन करें, फिर माता को लाल रंग का फूल चढ़ाएं और माता का श्रृंगार करें।
- माता को पंचामृत का भोग लगाएं और धूप दीप कर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। तथा मंत्रों का जाप कर माता की आरती करें।
- यदि मुमकिन हो तो इस दिन मां लक्ष्मी को तांबे, सोने या चांदी का कमल चढ़ाना चाहिए, इससे माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर सदैव कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं।
इन चीजों को पूजा में शामिल करना ना भूलें
ध्यान रहे लक्ष्मी जी की पूजा में अनाज, गुड़, हल्दी और अदरक अवश्य शामिल करना चाहिए। माता लक्ष्मी को ये सभी चीजें अत्यंत प्रिय हैं। साथ ही कोशिश करें की माता को कमल का फूल अवश्य चढ़ाएं, यदि किसी कारणवश कमल का फूल नहीं मिलता है तो लाल रंग का फूल चढ़ाएं। लाल रंग माता को अत्यधिक पसंद है।
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Maa Laxmi Puja Mantra, मां लक्ष्मी पूजा मंत्र
- श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र: ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।
- लक्ष्मी प्रार्थना मंत्र: नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।
- श्री लक्ष्मी महामंत्र: ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
मां लक्ष्मी की आरती (OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata lyrics in hindi)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥