- व्यक्ति को अपनी आमदनी और खर्चे की पूरी जानकारी रखनी चाहिए
- मनुष्य को शारीरिक व बौद्धिक क्षमताओं के अनुसार कार्य करना चाहिए
- व्यक्ति को अपने शुभचिंतकों और विरोधियों की पहचान करना जरूरी
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपने अनुभवों और जीवन के रहस्यों को बड़ी सरलता और गहराई से अपनी नीति शास्त्र में समाहित किया है। आचार्य चाणक्य की नीतियां सभी को जीवन की चुनौतियों से लड़ने में मदद करती हैं। साथ ही इसमें बताए गए उपाय व चाणक्य मंत्र लोगों का सफलता के मार्ग में पथ प्रदर्शक का काम करती हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में सफलता के ऐसे पांच मूल मंत्र बताए हैं, जिन्हें अपनाने वाला जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है।
पहला मूलमंत्र
चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपनी आमदनी और खर्चे की पूरी जानकारी रखनी चाहिए। ताकि वह अपनी आर्थिक उतार चढ़ाव के साथ बजट का प्रबंधन कर सके। यदि व्यक्ति अपनी आमदनी से ज्यादा खर्चा करेगा तो उसे आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए धन संचय बेहद आवश्यक है।
दूसरा मूलमंत्र
आचार्य चाणक्य के अनुसार मनुष्य को अपनी शारीरिक व बौद्धिक क्षमताओं का अंदाजा होना बहुत जरूरी है। यदि व्यक्ति को अपनी क्षमता के बारे में पता होगा तो वह उसी अनुरुप कार्य कर सफलता हासिल करेगा। अन्यथा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
तीसरा मूलमंत्र
चाणक्य का मानना है कि व्यक्ति को अपने शुभचिंतकों और विरोधियों के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए। इससे आप जहां अपनी मंजिल तक पहुंचने में शुभचिंतक से मदद ले सकेंगे, वहीं विरोधी से भी दूर रह सकेंगे। जो व्यक्ति इन दोनों में अंतर जान लेता है वह हर मुश्किल को पार कर लेता है।
चौथा मूलमंत्र
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि उसके रहने के लिए कौन सी जगह उचित और उसे कैसे लोगों के बीच रहना चाहिए। यानी कहां आपको सुख-सुविधाएं और रोजगार के भरपूर अवसर प्राप्त हो पाएंगे।
पांचवा मूलमंत्र
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सफलता पाने के लिए व्यक्ति को अपनी वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखकर फैसले लेने की समझ होनी चाहिए। जो व्यक्ति अपनी परिस्थिति को पहचान कर निर्णय लेता है उसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)