- ओडिशा के पुरी में कड़ी सुरक्षा के बीच 'बहुदा यात्रा' निकाली गई
- भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था
- वापसी यात्रा भगवान जगन्नाथ की मशूहर रथ यात्रा के नौ दिन बाद होती है
पुरी : ओडिशा के पुरी में मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की 'बहुदा यात्रा' या रथ वापसी की यात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई। कोविड-19 की वजह से लोगों के जमा होने से रोकने के लिए प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगाया है। यह कर्फ्यू सोमवार को रात आठ बजे से प्रभावी हुआ और अगले 48 घंटे तक लागू रहेगा।
मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ पूर्व निर्धारित समय से काफी पहले दोपहर में गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर (जगन्नाथ मंदिर) के लिए रथ पर सवार हुए। इस दौरान सेवादारों ने शंखनाद किया और घंटे की ध्वनि से माहौल भक्तिमय हो गया।
9 दिन बाद होती है वापसी
बहुदा यात्रा या वापसी यात्रा भगवान जगन्नाथ की मशूहर रथ यात्रा के नौ दिन बाद होती जिसमें वह अपने जन्मस्थान से वापस लकड़ी के रथ पर सवार होकर जगन्नाथ मंदिर आते हैं। रथ यात्रा का तीन किलोमीटर रास्ता खाली रहा क्योंकि प्रशासन ने स्थानीय लोगों को भी सड़कों पर आने की अनुमति नहीं दी।
इसी तरह की पाबंदी 12 जुलाई को वार्षिक रथ यात्रा के दरैान भी लगाई थी। हालांकि राज्य सरकार ने पूरे आयोजन का टीवी चैनल पर सजीव प्रसारण की व्यवस्था की थी। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक इस आयोजन से पहले करीब आठ हजार लोगों की , जिनमें पुलिस, सेवादार और अधिकारी शामिल हैं, आरटी-पीसीआर जांच कराई गई। सिर्फ वे लोग ही आयोजन में शामिल हुए जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई ।