पुरी : ओडिशा के पुरी में कोविड प्रोटोकॉल के बीच सोमवार को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली गई। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के कारण आम लोग इसमें शामिल नहीं हो सके, लेकिन करोड़ों लोगों ने घर से ही अपने अराध्य के दर्शन किए। इस कार्यक्रम को टेलीविजन चैनलों, सोशल मीडिया साइट्स, यूट्यूब पर लाइव दिखाया गया, जिसके जरिये श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के इस बड़े धार्मिक आयोजन से जुड़े।
पुरी में ढोल, मंजीरे, शंख ध्वनि और 'हरि बोल' के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा निकाली गई, जिस दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। इस दौरान कोविड नियमों का सख्ती से पालन किया गया।
पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर कार्यालय की तरफ से ट्विटर हैंडल पर कई तस्वीरें और वीडियो जारी किए गए हैं, जो रथयात्रा की भव्यता को दर्शाते हैं। इसके लिए रविवार रात से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए थे।
भगवान जगन्नाथ, भगवान भलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान सुदर्शन को 'पहंडी' प्रक्रिया के तहत उनके रथों तक ले जाया गया। इसके बाद पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने सोने की झाड़ू से रथों को बुहारने की पंरपरा निभाई।
बाद में गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देव प्रतिमाओं के दर्शन किए और रथों को खींचा गया। केवल उन्हीं सेवादारों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति थी, जिनकी कोविड-19 जांच 'निगेटिव' थी।
12वीं सदी के मंदिर के इतिहास में यह लगातार दूसरा साल रहा, जब रथयात्रा महोत्सव में आमलोग हिस्सा नहीं ले सके। यहां तक कि लोगों को सड़कों या घर की छतों पर भी खड़े होकर रथयात्रा देखने की अनुमति दी थी। उनसे इस कार्यक्रम को लाइव देखने को कहा गया था।
रथयात्रा के लिए एक दिन पहले 11 जुलाई की रात 8 बजे से ही यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था, जो 13 जुलाई को रात 8 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान मंदिर के सामने तीन किलोमीटर तक 'ग्रैंड रोड' सूनी पड़ी थी। कुछ चुनिंदा पुजारियों और पुलिसकर्मियों को ही वहां रहने की अनुमति थी।
रथयात्रा के मद्देनजर जहां शहर के सभी प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया गया था, वहीं भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती भी की गई। पुरी में इसके लिए पुलिस की 65 पलटन से अधिक तैनात की गई है और हर पलटन में 30 पुलिसकर्मी हैं। निगरानी के लिए जगह-जगह सीसीटीवी भी लगाए गए।
रथों को अपराह्न 3 बजे से खींचना शुरू किए जाने का फैसला किया गया था, लेकिन अधिकारियों के मुताबिक, इसे निर्धारित समय से पहले ही शुरू किया गया। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी टीवी पर ही रथयात्रा का सीधा प्रसारण देखा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित अन्य नेताओं ने भी लोगों को भगवान जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव की शुभकामनाएं दी।