- 8 नवंबर 2022 को लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण
- भारत में नहीं दिखेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
- चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले लगता है सूतक काल
Lunar Eclipse 2022 Date Time In India: 8 नवंबर 2022 को इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले 16 मई को चंद्र ग्रहण लगा था। धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किसी भी ग्रहण को बेहद खास माना जाता है। ज्योतिष में ग्रहण को एक विशेष संयोग के रूप में देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के शुभ-अशुभ का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। जानते हैं साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा या नहीं और सूतक काल सहित सभी जानकारी।
8 नवंबर को लगेगा 2022 का आखरी चंद्र ग्रहण
इस साल का अंतिम और दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से रात्रि 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
क्यों लगता है चंद्र को ग्रहण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है। इसके अनुसार सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने से चंद्रमा पर प्रकाश पड़ना बंद होता है, उसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से चंद्रग्रहण लगने के पीछे समुद्र मंथन की पौराणिक कथा का जिक्र किया गया है।
भारत में नहीं दिखेगा साल का आखरी चंद्र ग्रहण
8 नवंबर को लगने वाला साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह चंद्र ग्रहण केवल उत्तर पूर्वी यूरोप, एशिया के यूरोप से सटे हुए कुछ भाग, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, प्रशांत महासागरीय क्षेत्र आदि जगहों पर ही दिखाई देगा। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार भारत में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। दरअसल ज्योतिष के अनुसार जिन क्षेत्रों में ग्रहण लगते हैं सूतक का प्रभाव केवल उन क्षेत्रों पर ही पड़ता है। चूंकि भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां सूतक का प्रभाव नहीं होगा और सभी तरह के धार्मिक व शुभ कार्य किए जा सकेंगे।
Also Read: Astrology: लाल मिर्च से मिलेगी करियर में सफलता, बस कर लें ये आसान उपाय
ग्रहण के दौरान सूतक के क्या है नियम
बता दें कि चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है जोकि ग्रहण समाप्त होने के बाद खत्म होता है। सूतक के दौरान पूजा-पाठ से लेकर कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं होते। यहां तक कि भगवान की आराधना के लिए मंत्र और जाप कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)