- दंपति के साथ पूजा करने से भगवान शिवजी प्रसन्न होते हैं
- पार्थिव शिवलिंग बनाकर घर में पूजा कर सकते हैं
- शिवजी पर चढ़े प्रसाद को भक्तों में बांट देना चाहिए
महाशिवरात्रि 21 फरवरी को है और इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन यदि दंपति यानी पति-पत्नी एक साथ मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं तो उन्हें भगवान का विशेष स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता है। परिवार के साथ भगवान शिव से पूजा करने के कई अन्य लाभ भी हैं जो पति- पत्नी के साथ पूजा करने से फलीभूत होते हैं। वैवाहिक जीवन की अड़चने ही नहीं बल्कि अनेक परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख व समृद्धि का वास होता है।
जानें, महाशिवरात्रि पर किस विधि से पति-पत्नी करें पूजा
- शिवरात्रि पर कोशिश करें कि मंदिर में जाकर पूजा करें, क्योंकि वहां कि पूजा विशेष फलदायी होती है। घर पर पूजा करना भी फलीभूत होगा यदि पार्थिव शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की जाए।
- घर या मंदिर में भगवान शिव- पार्वती की पूजा करते समय ध्यान रखें कि पत्नी को पति के बाएं हाथ की ओर बैठना चाहिए।
- महाशिवरात्रि के दिन भगवान गणपति की पूजा के बाद ही भगवान शिव- पार्वती की पूजा प्रारंभ करें। इस दिन गणपति जी की पूजा विधिवत तरीके से करें। उन्हें नहला कर उन्हें पोशाक पहनाएं, फूल- माला और दूध चढ़ाकर भोग लगाएं। फिर भगवान शिव- पार्वती की पूजा शुरू करें।
- सर्वप्रथम शिव- पार्वती की प्रतिमा या शिवलिंग पर शुद्ध जल या गंगा जल से अभिषेक करें। इसके बाद पति शिवजी को स्नान कराएं।
- स्नान के बाद शिवलिंग पर पति अपने हाथों से पंचामृत चढ़ाएं और इस दौरान पत्नी अपने पति के हाथ को केवल स्पर्श किए रहे। शिवलिंग पर सारी चीजें पति ही अर्पित करे।
- पति शिवजी को और पत्नी माता पार्वती को स्नान करवा कर उन्हें वस्त्र अर्पित करें। फिर फूल चढ़ाएं और भगवान को चंदन से तिलक करें। भगवान को कुमकुम लगाएं।
- भगवान को धतूरा, अक्षत, आंकड़े के फूल,तीन पत्ती वाला बेलपत्र, जनेऊ, प्रसाद के लिए फल, दूध, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, मिश्री, पान, आदि चढ़ाएं।
- अब धूप- दीप जलाएं और नैवेद्य चढ़ा कर भगवान की आरती करें। आरती में कपूर जरूर जलाएं। शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें।
- अंत में पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा मांगे और प्रसाद को भक्तों में बांट दें।
- यदि पार्थिव शिवलिंग की पूजा की हो तो अगले दिन शिवलिंग को मंदिर के पास स्थित फूलों के बगीचे या पेड़-पौधों की जड़ में रख दें। भगवान शिव-पार्वति की ये पूजा दंपति के साथ करने से विशेष फलदायी हो जाती है।