- इस वर्ष महाशिवरात्रि का त्योहार 01 मार्च को मनाया जा रहा है।
- महाशिवरात्रि के दिन है भगवान शिव की पूजा का विधान।
- भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत नियमों का करें पालन।
Mahashivratri 2022 Date, Vrat Vidhi, Puja Vidhi And Niyam: सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का त्यौहार बहुत विशेष माना गया है। इस दिन विधि अनुसार भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस साल यह पर्व 01 मार्च, मंगलवार को मनाया जा रहा है। शिव पुराण और लिंग पुराण समेत कई धर्म ग्रंथों में यह कहा गया है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने से तथा भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जो भक्त विधि अनुसार भगवान शिव का व्रत रखता है तथा उनकी आराधना करता है कहा जाता है कि उसे शिव लोक में स्थान मिलता है। अगर आप भी शिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तो यहां जानें महाशिवरात्रि व्रत की विधि और नियम क्या हैं।
महाशिवरात्रि व्रत विधि
अगर आप महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद भगवान शिव के सामने जाकर व्रत करने का संकल्प लें। व्रत का संकल्प लेने के बाद इस दिन विधि अनुसार भगवान शिव व शिव परिवार की पूजा करें। इस दिन विधि अनुसार शिवलिंग की पूजा भी करें। मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि पर चार पहर की पूजा करनी चाहिए और रात में जागरण रखना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन शिव मंदिर के दर्शन करना भी लाभदायक माना गया है। अगले दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें और पारण समय पर व्रत का पारण करें।
महाशिवरात्रि व्रत के नियम
- महाशिवरात्रि के दिन संध्याकाल स्नान में करने के बाद ही भक्तों को शिव जी की पूजा करनी चाहिए और मंदिर के दर्शन करने चाहिए।
- महाशिवरात्रि पर भक्तों को बेसन, गेहूं, चावल, मैदा आदि से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मान्यताओं के अनुसार अगर भक्त महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन, दिन में नहीं सोना चाहिए।
- महाशिवरात्रि व्रत में ब्रम्हचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन ना करें नहीं तो भगवान शिव रुष्ट हो सकते हैं।
- भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि पर किसी से वाद-विवाद ना करें और गलत या गंदे शब्दों का प्रयोग ना करें। इस दिन लोगों को दिल दुखा देने वाली बातें ना बोलें।
- महाशिवरात्रि के दिन जागरण करना लाभदायक माना गया है। मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि के दिन जो भक्त व्रत विधि और नियमों का पालन करता है उसे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)