- मंत्रों जाप से भगवान विष्णु की मिलेगी कृपा
- मलमास में हर दिन करें इन मंत्रों का जाप
- मंत्रों का जाप हमेशा तुलसी की माला से करें
मलमास को अधिकमास, पुरुषोत्तम मास या बड़मास के रूप में भी जानते हैं। मलमास के अधिपति देवता भगवान विष्णु हैं और इसलिए मलमास में भगवान विष्णु के सभी रूपों की विशेष पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और इससे भक्तों को जीवन की हर खुशियां और सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
भगवान की पूजा विशेष रूप से गुरुवार को होती है, क्योंकि ये इनका विशेष दिन होता है, लेकिन मलमास में पूरे मास भगवान की पूजा करनी चाहिए। साथ ही इस मास में जो भी मनुष्य कुछ खास मंत्रों का जाप कर ले तो उसे अमोघ पुण्यलाभ की प्राप्ति होती है। तो आइए जानें कौन से हैं ये विशेष मंत्र।
मलमास में आप भगवान विष्णु के समक्ष केवल एक पीला फूल, धूप-दीप आदि रख कर भी प्रणाम कर लें तो भगवान की कृपा आप पर बनी रह सकती है। यदि आपके पास सुबह समय न हो तो भगवान की पूजा शाम के समय स्नान-ध्यान कर कर सकते हैं। मलमास में श्रीमद्भभागवत कथा का पाठ करना बहुत ही पुण्यकारी माना गया है। साथ ही दान-पुण्य करने से भी भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं।
भगवान विष्णु के प्रभावशाली मंत्र
1. गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्।
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्।।
इस मंत्र के जाप से मनुष्य को समस्त पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. ओम नमो भगवते वासुदेवाय।
यह भगवान विष्णु का सबसे प्रभावी द्वादशाक्षरी मंत्र माना गया है। मलमास में यदि आप रोज इस मंत्र का जाप कर लें तो आपके जीवन में कभी कोई दुख या संकट नहीं आने पाएगा। बस इस मंत्र का सही उच्चारण करें।
3. ऊं नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
यह भगवान विष्णु का गायत्री महामंत्र है।
4. शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मीकान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।
ध्यान रखने वाली बात : भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप हमेशा तुलसी की माला से करना चाहिए।