- सावन मास के हर मंगलवार को रखा जाता है मंगला गौरी व्रत
- 2021 में 4 मंगला गौरी व्रत आ रहे हैं
- इस व्रत में मां पार्वती की विशेष पूजा का विधान है
Mangala gauri vrat 2021 : सावन मास को शिव भक्तों के लिए खास माना गया है। इस मास में सोमवार को जहां भोलेनाथ की पूजा का विधान है वहीं मंगलवार को देवी पार्वती की पूजा के लिए मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। श्रावण महीने के इस व्रत को लेकर मान्यता है कि ये सौभाग्य लाता है और संतान प्राप्ति और उसके दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिलाता है।
मंगला गौरी व्रत करने वाली महिलाएं पूजा में इस व्रत की कथा का पाठ भी जरूर करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि व्रत को पूर्ण करने के लिए इस कथा को जरूर पढ़ना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत कथा, मंगला गौरी व्रत कथा सुनाइए, Mangala gauri vrat ki kahani hindi mein
पौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक सेठ धर्मपाल अपनी पत्नी के साथ रहता था। उनके पास धन, धान्य की कोई कमी नहीं थी लेकिन वे संतान होने के गम में दुखी रहते थे। काफी समय तक बहुत तप-जप करने के बाद उनके घर बेटे का जन्म हुआ। लेकिन ज्योतिषियों ने उसके जन्म के साथ ही उसके अल्पायु होने की बात कह दी। इससे सेठ का दुख और बढ़ गया लेकिन उन्होंने मान लिया कि यही उनका भाग्य है।
सेठ ने अपने लड़के की शादी एक सुशील कन्या से की। वह अपनी मां के साथ नियमित मंगला गौरी का व्रत और मां पार्वती की विधिवत पूजा करती थी। इसी वजह कन्या को सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिला और उसके व्रत के फल में सेठ के पुत्र की मृत्यु टल गई।