- सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या का है विशेष महत्व।
- शास्त्रों के अनुसार अमावस्या का संबंध शनिदेव महाराज और पितरों से है।
- इस दिन गंगाजल होता है अमृत के समान, इसलिए गंगा स्नान करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति।
Mauni Amavasya 2022 Date, Time, Puja Muhurat in India: माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत कर मौन धारण करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या का संबंध शनिदेव महाराज और पितरों से है। इस दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को दान आदि करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या का विशेष स्थान है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और कष्टों का निवारण होता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगाजल अमृत के समान होता है।
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When is Mauni Amavasya or Magh Amavasya in 2022, कब है मौनी अमावस्या 2022
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस बार मौनी अमावस्या 31 जनवरी 2022, सोमवार को है। अमावस्या तिथि 31 जनवरी को रात 02 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 1 फरवरी 2022, मंगलवार को 11 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी।
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Mauni Amavasya significance, मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान आदि करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। तथा इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और वंश में वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत कर प्रभु की भक्ति में लीन होने से भक्तिभाव में वृद्धि होती है और पात्र व्यक्ति को तिल का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति ही है।