- मौनी अमावस्या 1 फरवरी यानी मंगलवार को मनाई जा रही है।
- मौनी अमावस्या के दिन विष्णु पूजा होगी और तांत्रिक साधना का योग भी बनेगा।
- मौनी अमावस्या श्री कृष्ण जी के प्रति श्रद्धा भाव अर्पित करने का दिन है।
Magh Mauni Amavasya 2022 panchang in hindi: मौनी अमावस्या इस साल यह अमावस्या 01 फरवरी को है। हालांकि अमावस्या तिथि 31 जनवरी को दोपहर 2 बजे से लग गई है लेकिन सूर्य उदया तिथि 1 फरवरी को होने की वजह से पूजा, स्नान और दान का योग मंगलवार को बन रहा है। इसी दिन विष्णु पूजा होगी और तांत्रिक साधना का योग भी बनेगा। मौनी अमावस्या का दिन बहुत ही पवित्र तथा भगवान को समर्पित यह माह भक्ति तथा सम्पूर्ण समर्पण से भगवान श्री कृष्ण जी के प्रति श्रद्धा भाव अर्पित करने का है।
Magh Mauni Amavasya 2022 panchang, Muhurat, Puja Time
अभिजीत मुहूर्त | 12:09 am से 12:50 pm | विष्णु पूजा का योग |
अमृत काल | 04:20 pm से 05:51 pm | विष्णु पूजा का योग |
विजय मुहूर्त | 02:22 pm से 03:04 pm | बगलामुखी पूजा का समय |
निशा मुहूर्त | रात्रि 11:42 से पूरी रात | तांत्रिक अनुष्ठान तथा माता काली पूजा का समय |
अभिजीत तथा अमृत काल में विष्णु पूजा करें। इस शुभ मुहूर्त में बृहस्पति तथा चंद्रमा के बीज मंत्र का जप करें। महामृत्युंजय मंत्र भी फलदायी है। इस समय श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ बहुत लाभ देता है।
वहीं विजय मुहूर्त में बगलामुखी अनुष्ठान करवाएं। राजनीति में विजय प्राप्ति हेतु तथा किसी भी प्रकार की बाधाओं को समाप्त करने के लिए विजय मुहूर्त में बंगलामुखी पूजा आरम्भ कराकर सकुशल विधिवत सम्पन्न कराने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। निशा मुहूर्त में तांत्रिक अनुष्ठान होता है।
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पितरों की शांति व तांत्रिक अनुष्ठान के लिए मौनी अमावस्या का महत्व
जो लोग सफलता चाहते हैं उनके लिए यह अमावस्या वरदान है। इस अमावस्या को व्रत रखकर विशेष पूजा पाठ करके भंडारा करना चाहिए। जिनके पितरों में किसी की कभी अकाल मृत्यु हुई है वो इस दिन विशेष तांत्रिक अनुष्ठान भी कर सकते हैं।त्रिपिंडी श्राद्ध भी करवा सकते हैं।जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष हो वो आज त्रिपिंडी श्राद्ध करके उसकी शांति करवा सकते हैं।
mauni amavasya 2022 snan date, time: मौनी अमावस्या 2022 स्नान डेट
मौनी अमावस्या पर भगवान को प्रसन्न करने का उत्तम समय
इस दिन दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए।श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ विशेष फलदायी है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके दान पुण्य करना चाहिए।संकटों से मुक्ति के लिए श्री रामचरितमानस में सुंदरकांड का पाठ करना बहुत ही लाभकारी होता है। इस दिन नदी में स्नान करते समय गायत्री मंत्र का जप करते रहें तथा स्नान के उपरांत नदी के तट पर पवित्र आसन पर बैठकर गीता का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।