- हर व्यक्ति चाहता है कि सुबह कुछ अच्छा देखकर ही उठे ताकि पूरा दिन उसके लिए शुभ हो।
- सच्चे मने से कुछ उपाय सच्चे मन से करने पर सकारात्मक प्रभाव होता है।
- छोटे-मोटे अचूक उपाय हमारे जीवन की कई परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
Morning Seeing The Palms: व्यक्ति के दिन की शुरुआत सुबह से ही होती हैं। हर व्यक्ति चाहता है कि सुबह कुछ अच्छा देखकर ही वह उठे ताकि पूरा दिन उसके लिए शुभ हो। ऐसे भी कुछ लोग भगवान की तस्वीर देखकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं, तो कई लोग अपने अपने तरीके से उपाय करते हैं। दैनिक जीवन में कुछ उपाय सच्चे मन से किए जाए तो उसका सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है।
जीवन में कुछ छोटे-मोटे अचूक उपाय हमारे जीवन की कई परेशानियों को दूर कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र में सुबह उठकर कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिनका पालन करने से हमारा पूरा दिन अच्छा हो सकता है। इसके अलावा व्यक्ति के ऊपर ईश्वर की कृपा बनी रहती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ उपायों को प्रतिदिन सुबह उठकर करने से हर परेशानी से निजात मिल सकता है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में...
सुबह उठकर दोनों हाथों की हथेलियों को देखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार मान्यता है कि सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर यदि व्यक्ति हाथों की हथेलियों को देखता है, तो देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करता है। सुबह उठकर सबसे पहले हथेलियों के दर्शन करने से कई लाभ मिलते हैं। सुबह उठकर सबसे पहले हाथों की हथेलियों को कुछ देर तक देखें फिर से एक चेहरे पर तीन बार फेरे। धर्म ग्रंथों के अनुसार हथेली के ऊपरी भाग में महालक्ष्मी, बीच में मां सरस्वती व नीचे भाग में भगवान विष्णु का स्थान होता है। इसलिए रोज सुबह उठते ही सबसे पहले अपनी हथेली देखने से व्यक्ति भाग्यशाली बनता है।
दोनों हाथों से करें धरती मां को प्रणाम
इसके अलावा सुबह उठकर व्यक्ति को उस स्थान की भूमि को दोनों हाथों से स्पर्श करके प्रणाम करना भी शुभ माना जाता है। इसका जिक्र वास्तु और ज्योतिष दोनों में किया गया है। सुबह उठकर धरती मां को प्रणाम करने से व्यक्ति कभी भी आर्थिक संकटों से नहीं जूझता है।
ईश्वर की तस्वीर को करें प्रणाम
इन सब के बाद सुबह उठकर आप जिस भी ईश्वर को मानते हैं उनकी तस्वीर देखकर व प्रणा करके आगे का काम शुरू कर सकते हैं। इसे ईश्वर की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी और कोई भी काम रुकेगा नहीं। इसके अलावा पूरे दिन की शुरुआत खूबसूरत होती हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)