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Murkh Monkey Kahani: मूर्ख को मित्र क्यों नहीं बनाना चाहिए, जानने के लिए पढ़ें पंचतंत्र की ये कहानी  

Updated Feb 03, 2021 | 22:28 IST

Panchtantra ki Famous Kahani: मूर्ख से बहुत गहरी दोस्ती कभी नहीं करनी चाहिए। बुरे वक्त पर हमें मूर्ख मित्र से सहायता मिलने की आशा नहीं करनी चाहिए।

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Murk Bandar Ki kahani
मुख्य बातें
  • मूर्ख व्‍यक्ति को ना बनाएं अपना मित्र
  • मूर्ख मित्र पर कभी भी ना करें भरोसा
  • मूर्ख दोस्त से अच्छा बुद्धिमान शत्रु होता है

Panchtantra ki Famous Kahani: पंचतंत्र की कहानी हर उम्र के व्यक्ति को गूढ़ ज्ञान देने का काम करती है। जिस बात को हम देख कर नहीं कर पाते हैं, यदि उसे हम कहानी के माध्यम से सुनें तो वह काम हम बड़ी सहजता के साथ कर लेते हैं। पंचतंत्र की कहानी हमेशा ज्ञान प्रद कहानी होती है। इसे हमें जरूर पढ़ना चाहिए। आज हम ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जिसे पढ़कर आपको मूर्ख लोगों से क्यों दूरी बनाकर रखनी चाहिए, इसका पता चल जाएगा। तो आइए जाने मूर्ख बंदर की पूरी कहानी।

मूर्ख बंदर की कहानी

एक बार की बात है। एक नगर में एक राजा रहता था। उसे पशु पक्षियों से बहुत ही लगाव था। उसने अपने सेवा के रूप में एक बंदर की नियुक्ति भी कर रखी थी। वह बंदर राजा का परम विश्वासी भक्त था। राजा के राजमहल के अंदर बेधड़क वह आया जाया करता था। उसे आने जाने से कोई नहीं रोकता था। जब राजा सो जाते थे, तो बंदर उन्हें पंखा की हवा दिया करता था। एक बार गर्मी के मौसम में राजा ऐसे ही सोए हुए थे और बंदर राजा को पंखा झेल रहा था।

तभी बंदर ने देखा कि एक मक्खी राजा के शरीर पर आकर बैठ गई है। बंदर ने मक्खी को पंखे से भगाया। मक्खी एक जगह से दूसरी जगह जा कर बार-बार बैठ जा रही थी। बंदर उसे बार-बार हटाते हटाते थक किया था। जिस कारण से वह राजा को सही ढंग से पंखा नहीं झेल नहीं पा रहा था। बार-बार मक्खी का राजा पर आकर बैठना बंदर को गुस्सा देने का काम कर रहा था। बंदर यह देखकर बहुत गुस्सा हो रहा था। इस बार मक्खी राजा के छाती पर जाकर बैठ गई। यह देखकर बंदर को बहुत गुस्सा आया और उसने गुस्से से राजा के म्यान से तलवार निकाल ली।

गुस्से में मक्खी को हटाने के चक्कर में मूर्ख बंदर ने तलवार को मक्खी के ऊपर तेजी से चलाया। मक्खी तो उड़ गई, लेकिन तलवार के चोट से राजा के दो टुकड़े हो गए। तो इस कहानी से हमें सीख मिलती है, कि हमें मूर्ख लोगों से बहुत गहरी दोस्ती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। हमें उन्हें अपनी जिंदगी में हम स्थान नहीं देना चाहिए। क्योंकि कभी-कभी मूर्ख लोगों से दोस्ती होने के कारण हमें हानि भी पहुंच जाती है। इसलिए कहा भी गया है, कि मूर्ख मित्र से अच्छा मूर्ख शत्रु होता है।

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