- दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है नरक चतुर्दशी का पावन पर्व।
- नरक चतुर्दशी को रूप चौदस, कृष्ण चौदस, काली चौदस और नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है।
- इस दिन यमदेव का तर्पण करने से नर्क नहीं भोगना पड़ता और अकाल मृत्यु का भय होता है खत्म।
Naraka Chaturdashi 2021 Ganesh Ji Ki Aarti & Puja Mantra Lyrics In Hindi: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथो में इस चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने दैत्य नरकासुर का संहार कर सभी देवी देवताओं और तीनों लोको को उसके प्रकोप से बचाया था।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन यमदेव का तर्पण करने से नर्क नहीं भोगना पड़ता और अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। साथ ही इस दिन 6 देवी देवताओं, भगवान कृष्ण, मां काली, यमदेव, हनुमान जी, शिवजी और गणेश जी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन इन सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है।
देवी-देवताओं की पूजा के बिना अधूरा (Naraka Chaturdashi Puja)
आपको बता दें आरती के बिना देवी देवताओं की पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता। स्कंद पुराण के अनुसार आरती और मंत्रों का जाप करने के बाद ही पूजा को संपूर्ण माना जाता है। आरती के बिना देवी देवताओं की पूजा को अधूरा माना जाता है। ऐसे में नरक चतुर्दशी के पावन पर्व पर भगवान गणेश जी की आरती के साथ पूजा संपन्न करें और यमदेव के इन मंत्रों का जाप करें।
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गणेश जी की आरती (Ganesh Jai Ganesh Deva lyrics in hindi)
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेस देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी।
माथे सिंधूर सोहे मूस की सवारी।।
पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा
लड्डूअन का भोग लगे सत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
सूर श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
दीनन को लाज रखो,
शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी।।
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
नरक चतुर्दशी पूजा मंत्र (Naraka Chaturdashi puja mantra)
यमाय नम: यमम् तर्पयामि।
यमाय धर्मराजाय मृत्ये चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।
औदुम्बराय दध्राय नीलीय परमिष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।
पूर्ण होती है मनोकामनाएं ( Naraka Chaturdashi Katha)
इस दिन गणेश जी की आरती करने व यमदेव के मंत्रो का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा कष्टों का निवारण होता है। शाम के समय यमदेव की पूजा के साथ ऊपर दिए हुए मंत्रो का जाप करें, इससे नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। बिना आरती व मंत्र के पूजा को संपूर्ण नही माना जाता।