- 13 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है सनातन धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक नवरात्रि का पर्व।
- श्रद्धा-भाव और धूमधाम से पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है नवरात्रि का पर्व, मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की होती है पूजा।
- चैत्र नवरात्रि व्रत के दौरान देना चाहिए कुछ नियमों पर विशेष ध्यान, नहीं तो मां दुर्गा हो सकती हैं नाराज।
सनातन धर्म में नए वर्ष की शुरुआत प्रतिपदा तिथि से होती है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में पड़ती है। इसी तिथि से चैत्र नवरात्रि भी प्रारंभ हो जाती है। इस वर्ष हिंदू पंचांग के गणना अनुसार, प्रतिपदा तिथि तथा चैत्र नवरात्रि का पहला दिन 13 अप्रैल को है। 13 अप्रैल से प्रारंभ होकर चैत्र नवरात्रि 22 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। आप सब यह तो जानते ही होंगे कि नवरात्रि का पर्व सनातन धर्म में बहुत विशेष माना जाता है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा श्रद्धा-भाव के साथ की जाती है।
वेद और पुराणों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि में पूजा करते समय कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। कहा जाता है कि जो इंसान इन नियमों का पालन करता है तथा मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा विधिवत तरीके से करता है उसे मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
यहां जानें चैत्र नवरात्रि के नियम हिंदी में
चैत्र नवरात्रि में क्या करें
- उत्तरी-पूर्वी दिशा में हो मंदिर की वेदी : नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मंदिर का वेदी हमेशा उत्तरी-पूर्वी दिशा में होना चाहिए। पूजा करने से पहले अपने स्थान को अच्छी तरह से साफ कर लें तब जाकर देवियों की पूजा करें और पूजा करते समय आपका चेहरा पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
- घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी, चूना या रोली से स्वास्तिक बनाएं : नवरात्रि में घर के मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक बनाना बहुत लाभदायक माना जाता है। कहा जाता है कि हल्दी से स्वास्तिक बनाने से हमारे कुंडली में बृहस्पति शुद्ध हो जाता है तथा चूना से स्वास्तिक बनाने से चंद्र ग्रह मजबूत होता है और सारे कठिनाइयों का विनाश करता है। वहीं रोली से स्वास्तिक बनाने पर शुक्र और सूर्य ग्रह जीवन में सकारात्मकता लाते हैं।
- चंदन की चौकी पर स्थापित करें मां दुर्गा की मूर्ति : चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की मूर्ति को चंदन की चौकी पर स्थापित करना चाहिए। चंदन के वजह से घर का वातावरण शुद्ध हो जाता है। यह ट्रेस को दूर करता है और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति को बढ़ाता है। इसके साथ यह सारी नकारात्मक ऊर्जा का भी विनाश करता है। अगर आपके पास चंदन की लकड़ी से बनी चौकी नहीं है तो आप चांदी की चौकी का भी उपयोग कर सकते हैं। चांदी के चौकी का उपयोग करने से चंद्र ग्रह मजबूत होता है।
- वेदी पर लाल कपड़ा बिछाएं : चैत्र नवरात्र में वेदी पर लाल कपड़ा बिछाना चाहिए क्योंकि यह समृद्धि और अच्छे भाग्य का प्रतीक माना जाता है। लाल रंग से शक्ति का संचार होता है तथा यह हमारे कार्य करने की क्षमता को भी बढ़ाता है।
- ऐसा होना चाहिए कलश : चैत्र नवरात्रि में कलश को हमेशा उत्तरी पूर्वी दिशा में स्थापित करना चाहिए और सुपारी और एक सिक्का रख कर उसे पानी से भरना चाहिए। मिट्टी का कलश सबसे अनुकूल माना जाता है क्योंकि बुध को दृढ़ करता है। आप चाहें तो सोने और ब्रास का कलश भी स्थापित कर सकते हैं।
नवरात्रि में क्या काम नहीं करने चाहिए
कैसी हो मां दुर्गा की मूर्ति
अगर आप चैत्र नवरात्रि में अपने घर में मां दुर्गा की पूजा करना चाहते हैं तो कभी भी मां दुर्गा की ज्यादा बड़ी मूर्ति ना लाएं। इसके साथ कभी भी मूर्ति को किचन में स्थापित नहीं करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मां दुर्गा की पूजा करते समय आपका चेहरा पूर्व की दिशा में होना चाहिए।
कैसा होना चाहिए कलश
कहा जाता है कि चैत्र नवरात्रि पर मिट्टी का घड़ा स्थापित करना बहुत शुभ होता है। इसके अलावा लोग सोने, चांदी और ब्रास से बने कलश भी स्थापित करते हैं। याद रहे कि इन धातुओं के अलावा किसी और धातु का कलश मां दुर्गा की पूजा के लिए स्थापित नहीं करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि में महिलाएं बाल खोल कर मंदिर में ना जाएं
कहा जाता है कि औरतों को हमेशा चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने के लिए मंदिर में बाल बांध कर जाना चाहिए। बाल खोल कर पूजा करने से शनि ग्रह की नकारात्मक शक्ति का प्रभाव पड़ता है।
नवरात्रि के पर्व पर ना करें किसी का अपमान
नवरात्रि के पर्व में किसी भी इंसान का अपमान नहीं करना चाहिए तथा महिलाओं और बुजुर्गों के प्रति आदर सम्मान प्रकट करना चाहिए।
अखंड दीपक को ना बुझाएं
नवरात्रि में कभी भी अखंड दीपक को नहीं बुझाना चाहिए और उसे 9 दिन तक लगातार जलते देना चाहिए। अगर आप दिनभर अखंड दीपक को जलाए रखने में असक्षम हैं तो आप सुबह और शाम चैत्र नवरात्रि में दिया जलाते रहें।