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Navratri Mantra: नवरात्रि में इन 9 मंत्रों से सिद्ध करें नवदुर्गा की शक्तियां, कुछ नहीं ब‍िगाड़ पाएंगे दुश्‍मन

Updated Oct 19, 2020 | 06:01 IST

Nine mantras of Navdurga : नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है और इस दिन यदि आप 9 मंत्रों से नवदुर्गा की शक्तियों को सिद्ध कर लें तो शत्रु आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकेंगे। साथ ही आपकी सारी कामनाएं भी पूरी होंगी।

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9 mantras of Navdurga, नवदुर्गा के 9 मंत्र
मुख्य बातें
  • 9 देवी के सिद्ध मंत्र रोज नवरात्रि में जपने चाहिए
  • ये नौ मंत्र हर तरह की बाधा से मनुष्य को मुक्त करते हैं
  • धन, ऐश्वर्य और सुख प्राप्ति का राज इन मंत्रों में छुपा है

नवदुर्गा यानी देवी दुर्गा के नौ स्वरूप। नवरात्रि में देवी दुर्गा के सभी स्वरूपों के लिए एक दिन निर्धारित है। देवी की पूजा करने के साथ यदि प्रत्येक देवी के मंत्र से नवदुर्गा की शक्तियां यदि आप सिद्ध कर लें तो ऐसा कोई कार्य आपके लिए नहीं होगा जो असंभव हो। नवरात्रि में 9 देवियों के 9 मंत्र से आप अपनी 9 तरह की मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। सेहत से लेकर धन, सुख, ऐश्वर्य तक की प्राप्ति होगी। साथ ही नवरात्रि में देवी को 9 दिन 9 तरह के भोग भी लगाने चाहिए। यहां आपको प्रत्येक देवी के सिद्ध मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए बहुत बड़ा वरदान साबित हो सकते हैं।

जानें, कैसे देवियों के 9 मंत्रों और सिद्ध होंगी शक्तिंया

प्रथमं शैलपुत्री: अच्छी सेहत और अनजाने भय से मुक्ति के लिए नवरात्रि के प्रथम दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। देवी का सिद्ध मंत्र पढ़ने से आपके हर संकट और भय दूर होंगे और रोग से मुक्ति मिलेगी। इस दिन देवी को खीर का भोग लगाएं।

मां शैलपुत्री का निर्भय आरोग्य मंत्र

विशोका दुष्टदमनी शमनी दुरितापदाम्। उमा गौरी सती चण्डी कालिका सा च पार्वती।।

द्वितीय ब्रह्मचारिणी: यदि आप किसी कार्य में सफलता चाहते हैं तो आपको देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना करनी चाहिएं। छात्रों को देवी की पूजा और उनके सिद्ध मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। नौकरी, परिक्षा या किसी कार्य में सफलता के लिए देवी के निम्न मंत्र का जाप करें। इस दिन देवी को केला या पीली मिठाई का भोग लगाएं।

ब्रह्मचारिणी का परीक्षा में सफलता दिलाने का मंत्र

विद्याः समस्तास्तव देवि भेदाः स्त्रियः समस्ताः सकला जगत्सु।त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुतिः स्तव्यपरा परोक्तिः।।

तृतीयं चन्द्रघण्टा : अशुभ ग्रहों के कारण यदि जीवन में पेरशानियां आ रही तो आपको नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघण्टा की पूजा करन चाहिए। देवी के आशीर्वाद से अशुभ ग्रहों से मिले रहे संकट दूर होंगे। इस दिन देवी को मखाने की खीर का भोग लगाएं।

मां चंद्रघंटा का संकटनाशक मंत्र

हिनस्ति दैत्य तेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्। सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योsनः सुतानिव।।

कूष्माण्डा चतुर्थकम् : यदि आपके जीवन में दांपत्य सुख नहीं या संतान का सुख नहीं मिल रहा तो आपको देवी के चौथ रूप देवी कूष्माण्डा की पूजा करनी चाहिए। देवी संतान सुख के साथ वैवाहिक जीवन सुखी बनाने का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन देवी को अनार का भोग लगाएं।

मां कूष्माण्डा का संतान सुख मंत्र

स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता। करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।

पंचमम् स्कन्दमाता : यदि जीवन में मान-सम्मान चाहिए और अपने बुद्धि-विचार से यदि हर किसी को प्रभावित करना चाहते हैं तो नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। मीडिया और फिल्म जगत से जुड़े लोगों को देवी स्कंदमाता की पूजा विशेष आशीर्वाद देती हैं। इस दिन देवी को हलवे का भोग लगाना चाहिए।

स्कंदमाता का बुद्धि विकास मंत्र

सौम्या सौम्यतराशेष सौम्येभ्यस्त्वति सुन्दरी। परापराणां परमा त्वमेव परमेश्वरी।।

षष्ठम् कात्यायिनी : वैवाहिक जीवन कष्ट से जूझ रहे हैं लोगों को देवी कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए। देवी की पूजा से तलाक तक की नौबत से छुटकारा मिल सकता है। देवी को इस दिन नारियल के लड्डू का भोग लगाएं।

मां कात्यायनी का दाम्पत्य दीर्घसुख प्राप्ति मंत्र

एतत्ते वदनं सौम्यम् लोचनत्रय भूषितम्। पातु नः सर्वभीतिभ्यः कात्यायिनी नमोsस्तुते।।

सप्तमम् कालरात्रि : दुश्मनों का यदि आतंक बढ़ रहा है तो आपको नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से हर तरह की शत्रुबाधा से मुक्ति मिलेगी। मां कालरात्रि को शहद का भोग लगाएं।

मां कालरात्रि का शत्रुबाधा मुक्ति मंत्र

त्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातं समरमुर्धनि तेSपि हत्वा। नीता दिवं रिपुगणा भयमप्यपास्त मस्माकमुन्मद सुरारिभवम् नमस्ते।।

महागौरी अष्टमम् : धन, ऐश्वर्य और प्रसिद्धि पाने की इच्छा रखने वालों को नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की आराधना करनी चाहिए। इस दिन देवी को साबुदाने की खीर का भोग लगाना चाहिए।

मां महागौरी का परम ऐश्वर्य सिद्धि मंत्र

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।।

नवमम् सिद्धिदात्री : जीवन की हर इच्छा पूरी करना चाहते हैं तो 9वें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करें। इस दिन मां सिद्धिदात्री को पायस का भोग लगाना चाहिए।

सर्वमनोकामना पूरक महागौरी मंत्र

या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः। श्रद्धा सतां कुलजन प्रभवस्य लज्जा तां त्वां नताः स्म परिपालय देवि विश्वम्।।

दुर्गा उपासना भक्ति के साथ ऐसी शक्ति देने वाली मानी गई है, जो दुर्गति करने वाले तमाम बुरे विचार, दुर्गुण या दोषों का शमन कर देती है। बदहाली से बचने के लिए ही माता दुर्गा की उपासना के लिए आठ अक्षरों का 1 अद्भुत मंत्र बताया गया है। इस मंत्र की अचूक शक्ति से रोग, कर्ज, शत्रु बाधा खत्म होकर सिद्धि, संतान, सफलता पाने की सारी इच्छाएं भी पूरी हो जाती है।

दोष शमन और सर्वइच्छा पूर्ति मंत्र

ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:

तो नवरात्रि के प्रथम दिन से आप रोज 9 देवी के इन मंत्रों का जाप करें। आपके जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी।

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