- साल 2021 में 21 जून को रखा जा रहा है निर्जला एकादशी का व्रत
- मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी 24 एकादशियों का पुण्य मिलता है
- निर्जला एकादशी व्रत के नियम दशमी से लेकर द्वादशी तिथि तक माने जाते हैं
Nirjala Ekadashi Vrat Diet Rules: साल में 24 एकादशी आती हैं। मान्यता है कि कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथियों पर व्रत रखने से पाप मिटते हैं और विष्णु जी की कृपा भी प्राप्त होती है। इन सभी एकादशी में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी सबसे उत्तम मानी जाती है। इसे निर्जला एकादशी का नाम दिया गया है। ये व्रत सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि इसे बिना पानी पिए रखना होता है। हालांकि कुछ परिस्थितियों में इसे नियम में छूट भी मिल जाती है।
निर्जला एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए, Nirjala Ekadashi Vrat diet rules in hindi, nirjala ekadashi vrat food
- निर्जला एकादशी व्रत यूं तो निर्जल रखा जाता है लेकिन आप पानी पीकर भी इसे रख सकते हैं। जैसे कि आप एकादशी के बाकी व्रत करते हैं। अगर आप बीमार हैं तो फलाहार व्रत रख सकते हैं।
- Nrjala Ekadashi vrat in pregnancy : गर्भवती महिलाओं को एकादशी के व्रत में छूट मिलती है। वे पानी के साथ व्रत का सामान्य भोजन कर सकती हैं।
- फलों में मौसमी फल जैसे कि जामुन, आम, केला, अंगूर आदि का सेवन करें।
- एकादशी के व्रत में वैसे नमक नहीं खाया जाता है। लेकिन अगर आपको जरूरत महसूस होती है तो सेंधा नमक ले सकते हैं।
- निर्जला एकादशी व्रत पर बाहर की मिठाई या अन्य चीजें नहीं खानी चाहिए। साथ ही कस्टर्ड जैसी चीजों से भी बचें।
- निर्जला एकादशी पर चावल खाना एकदम वर्जित है। बेहतर होगा कि इस नियम का दशमी से लेकर द्वादशी तिथि तक पालन किया जाए।
- निर्जला एकादशी पर जौ, मसूर की दाल, बैंगन, मूली और सेम नहीं खानी चाहिए।
- निर्जला एकादशी पर पान खाना भी वर्जित है। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि को पान का भोग लगाया जाता है। इस वजह से एकादशी पर पान खाने की मनाही है। वैसे पूजा में चढ़ाया गया पान अगले दिन प्रसाद के रूप में ले सकते हैं।
- एकादशी पर सूखे मेवों का सेवन कर सकते हैं। लेकिन तामसिक चीजें जैसे लहसुन, प्याज आदि से दूर रहें।
व्रत के दौरान क्या करें
निर्जला एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए। व्रत के दौरानभगवान विष्णु की पूजा करें और भोग लगाने के बाद ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। निर्जला एकादशी व्रत विधान के अनुसार, एकादशी पर लोगों को रात्रि जागरण करना चाहिए, आप रात्रि में भजन-कीर्तन भी कर सकते हैं। एकादशी व्रत पारण के बाद किसी जरूरतमंद की मदद करना तथा दान देना चाहिए।