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शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर क्यों नहीं चढ़ानी चाहिए ये 5 सामग्रियां

Updated Jun 03, 2018 | 18:06 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

भक्‍तों को इसका पूरा ज्ञान होना चाहिये कि आराध्य देवी-देवताओं को कौन सी चीजें पसंद हैं और कौन सी चीजें नापसंद। शिवजी जितने ही भोले हैं उनका गुस्‍सा भी काफी रौद्र होता है। इसलिये अगर आप शिव जी को खुश करना चाहते हैं तो इन चीजों को शिवलिंग पर न चढ़ाएं। 

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
Shivling

नई दिल्‍ली: भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहते हैं क्‍योंकि वह भक्‍तों की भक्‍ती से बड़ी जल्‍दी प्रसन्‍न हो जाते हैं और उनकी मन्नत को आसानी से पूरा कर देते हैं। इन्‍हें खुश करने के लिए लोग शिवलिंग और मूर्तियों पर कई सामग्रियां चढ़ाते हैं जो इन्‍हें बेहद पसंद होती हैं। लेकिन कुछ ऐसी भी सामग्रियां होती हैं जिनको शिवलिंग पर चढ़ाने से उलटा ही असर पड़ता है। 

भक्‍तों को इसका पूरा ज्ञान होना चाहिये कि आराध्य देवी-देवताओं को कौन सी चीजें पसंद हैं और कौन सी चीजें नापसंद। यदि आप शिव जी का अभिषेक उनकी नापसंद चीजों से करेंगे तो आपकी समस्‍या और भी बढ़ जाएगी। 
 
शिवजी जितने ही भोले हैं उनका गुस्‍सा भी काफी रौद्र होता है। इसलिये अगर आप शिव जी को खुश करना चाहते हैं तो नीचे दी गई इन 5 सामग्रियों का उपयोग शिव आराधना के दौरान बिल्‍कुल भी ना करें। 

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भगवान शिव को क्‍यूं नहीं चढ़ानी चाहिये ये पांच चीजें 

केतकी के फूल 
शिव जी को केतकी का फूल न चढ़ाने के पीछे एक कहानी है। कहते हैं, एक बार ब्रह्माजी व विष्णुजी में बहस छिड़ गई कि दोनों में कौन सबसे श्रेष्ठ है। तभी उसी जगह एक लिंग प्रकट हुआ जो कि काफी विराट था। दोनों ने यह देखा और अपनी सहमति से निश्चय किया कि जो भी लिंग के छोर का पता पहले लगाएगा वही श्रेष्ठ माना जाएगा। फिर दोनों शिवलिंग का छोर ढूढंने अलग अलग दिशा में निकले। विष्णुजी को छोर न मिलने के कारण वह लौट आए। वहीं जब ब्रह्मा जी वापस आए, तब उनके हाथों में केतकी का फूल था, जिसे उन्‍होंने इस बात का साक्षी बताया कि उन्‍हें यह फूल लिंग के आखिरी छोर से मिला है। ब्रह्मा जी की झूठी बाते सुन कर वहां शिव जी प्रकट हो गए और उन्‍होंने गुस्‍से में उनका एक सिर काट दिया। और केतकी के फूल को श्राप दिया कि उनकी पूजा में कभी भी इस फूल का इस्‍तेमाल नहीं होगा। 

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तुलसी के पत्‍ते 
अगर शिव पुरान की मानें तो, जालंधर नाम के असुर की पत्नी तुलसी के मजबूत पतिधर्म की वजह से उसे ना तो कोई देव और ना ही कोई असुर हर सकता था। तभी विष्णु जी ने तुलसी के पतिव्रत को खंडित करने की कोशिश की। वह तुलसी के पति का रूप धारण कर उसके पास पहुंच गए, जिसकी वजह से तुलसी का पतिधर्म टूट गया। इसी वजह से शिव ने जालंधर का वध कर दिया। इसी वजह से तुलसी जी निराश हो गईं और उन्‍होंने भगवान शिव को अपने आप से वंचित कर दिया।

नारियल पानी 
देवताओं पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण किया जाना आवश्‍य होता है लेकिन शिवलिंग पर जिन पदार्थों से अभिषेक किया जाता है, उन्‍हें ग्रहण नहीं किया जाता। इसलिये शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिये। 

हल्दी 
शिवलिंग पर भूल कर भी कभी हल्‍दी नहीं चाढ़ाई जाती क्‍योंकि हल्‍दी महिलाओं की सुंदरता बढ़ाने के काम आती है। 

सिंदूर
कई देवी देवताओं को सिंदूर लगाया जाता है लेकिन शिव जी के लिये यह विनाशक माना गया है। इसे महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए लगाती है मगर शिव जी के लिए यह अशुभ माना गया है। 

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