- फाल्गुन अमावस्या सभी अमावस्या तिथियों में है सर्वश्रेष्ठ, यह हिंदू वर्ष की अंतिम अमावस्या होती है।
- अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को है समर्पित।
- इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करने का है विशेष महत्व।
Phalgun Amavasya 2022 Date, Time, Puja Muhurat in India: भारतीय जनजीवन में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। सूर्य और चंद्रमा के मिलन को अमावस्या कहते हैं। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच का अंतर शून्य हो जाता है तो अमावस्या तिथि का संयोग बनता है। फाल्गुन मास की अमावस्या को फाल्गुनी अमावस्या (Phalgun Amavasya 2022 date and Importance) के नाम से जाना जाता है। यह हिंदू वर्ष की अंतिम अमावस्या होती है। इस दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, श्राद्ध तर्पण इत्यादि करते हैं। मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्माएं पितृ लोक में निवास करती हैं और जब तक उनके भाग्य का अंतिम फैसला नहीं हो जाता उन्हें कड़ी यातनाओं को सहना पड़ता है। ऐसे में अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें शांति मिलती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार फाल्गुन अमावस्या 02 मार्च 2022, बुधवार को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अमावस्या तिथि श्रीहरि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। तथा किसी पवित्र नदी में स्नान कर पात्र व्यक्ति को दान करने से कष्टों का निवारण होता है। साथ ही काल सर्प दोष खत्म करने के लिए भी ये दिन बेहद खास है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं साल 2022 में कब है फाल्गुन अमावस्या (Phalgun Amavasya 2022 Date) और क्या है इसका महत्व।
Phalgun Amavasya 2022 Date and Time in India, फाल्गुन अमावस्या 2022 कब है
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं। इस बार फाल्गुन अमावस्या 02 मार्च 2022, बुधवार को है। अमावस्या तिथि 02 मार्च को 01:03:04 से शुरू होकर 11:07:04 पर समाप्त होगी।
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Phalgun Amavasya 2022 Date And Shubh Muhurat, अमावस्या 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
- अमावस्या 2022 तिथि – 02 मार्च 2022, बुधवार
- अमावस्या तिथि प्रारंभ – 02 मार्च 2022 को सुबह 01:03:04 से
- अमावस्या तिथि समाप्त – 02 मार्च, 2022 को रात 11:07:04 तक
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Phalgun Amavasya Importance And Significance, फाल्गुन अमावस्या का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार सालभर में कुल 12 अमावस्या तिथियां पड़ती हैं, जिसमें फाल्गुन मास की अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे सभी अमावस्या तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने से सभी गृह दोष से मुक्ति मिलती है और सूर्य देव का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है। कहा जाता है कि इस दिन संगम नदी के तट पर सभी देवी देवताओं का वास होता है। फाल्गुनी अमावस्या के दिन फाल्गुनी मेले का भी आयोजन किया जाता है।