- कालाष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा जरूर करनी चाहिए
- काल भैरव बाबा शिवजी के अवतार माने गए हैं
- कालाष्टमी से चालीस दिन तक लगातार करना चाहिए बाबा का दर्शन
काल भैरव बाबा को भगवान शिव का विग्रह रूप माना गया है। भैरव बाबा शिवजी का पांचवा अवतार हैं। इनके दो रूप हैं, पहला बटुक भैरव और दूसरा काल भैरव। बटुक भैरव भक्तों को अभय वरदान देने वाले हैं और काल भैरव अपराधिक प्रवृतियों पर नियंत्रण करने वाले माने गए हैं। भैरव बाबा अपराधियों को भयंकर दंड देने के लिए जाने जाते हैं। कहा जाता है कि यदि भैरव बाबा किसी से नाराज हो जाएं तो उनसे कोई भी देव नहीं बचा सकते। तीनों लोकों में उनके भक्त का कोई अनिष्ट भी नहीं कर सकता है। काल भी भैरव बाबा से भय खाता है।
बाबा के हाथ में त्रिशूल, तलवार और डंडा होता है और ये उनके दंड न्यायधीश होने का संकेत है। इसलिए भैरव बाबा को दंडपाणि भी कहा जाता है। कालभैरव बाबा की कृपा पाने के लिए भक्तों को कालाष्टमी पर उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए। कहा जाता है कि बाबा की पूजा से देवी दुर्गा भी प्रसन्न होती हैं। तो आइए जानें की कालाष्टमी पर किन उपायों से भैरव बाबा का आशीर्वाद पाया जा सकता है।
कालाष्टमी पर जरूर करें ये काम, मिलेगा बाबा भैरव का आशीर्वाद
भगवान शिव की पूजा जरूर करें: बाबा भैरव शिवजी के अवतार हैं, इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा जरूर करें। इससे काल भैरव प्रसन्न होते हैं। कालाष्टमी के दिन शिवलिंग पर 21 बिल्वपत्र चढ़ाने चाहिए। यदि विशेष कृपा चाहिए तो इस दिन बिल्वपत्र पर चंदन से 'ॐ नम: शिवाय' लिखकर उसे भगवान अर्पित करना चाहिए।
मंदिर में जा कर चढ़ाएं ये चीजें : कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा के मंदिर में जा कर सिंदूर, सरसों का तेल, नारियल, चना, चिरौंजी, पुए और जलेबी चढ़ाना चाहिए। इससे आपकी मनचाही इच्छा पूरी हो सकेगी।
सरसो के तेल का दीपक जलाएं : काल भैरव बाबा के समक्ष कालाष्टमी के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। फिर वही बैठकर श्रीकालभैरवाष्टकम् का पाठ करें। हर मासिक कालाष्टमी पर किया गया ये उपाय आपकी हर समस्या का अंत कर देगा और आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
दुर्गा चालीसा का पाठ करें : कालाष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें। देवी के साथ काल भैरव हमेशा रहते हैं और यही कारण है कि काल भैरव बाबा की पूजा के साथ देवी की पूजा भी करनी चाहिए। इससे देवी का आशीर्वाद भी मिलता है।
40 दिनों तक काल भैरव का दर्शन करें : यदि आप किसी मंशा के साथ कालाष्टमी की पूजा कर रहे हैं तो आपको कालाष्टमी के दिन से लगातार 40 दिनों तक काल भैरव का दर्शन-पूजन करना चाहिए। भैरव की पूजा के इस नियम को चालीसा कहते हैं जो चन्द्रमास के 28 दिनों और 12 राशियां को जोड़कर बनता है।
काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं : कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। यदि काला कुत्ता उपलब्ध न हो तो किसी भी कुत्ते को खिलाकर यह उपाय कर सकते हैं। इस उपाय को करने से न सिर्फ भगवान भैरव बल्कि शनिदेव की भी कृपा बरसेगी।
कालाष्टमी के दिन किए गए ये उपाय आपके कष्ट को दूर कर आपकी सारी ही मनोकामनाओं को पूरा कर देंगे।