The Portals of Hemkund Sahib: 22 मई रविवार को सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। इसके तहत शनिवार को पंज प्यारों के नेतृत्व में यात्रा गोविंदघाट से घांघरिया के लिए रवाना हुई थी, श्रद्धालुओं का जत्था 22 मई की सुबह हेमकुंड साहिब पहुंचा, गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी आज से खोल दिए गए हैं
जो बोले सो निहाल के जयकारों के साथ श्री हेमकुंड साहिब के कपाट रविवार को सुबह दस बजे विधि विधान से खोल दिए गए। पंच प्यारों की अगुवाई में पांच हजार श्रद्धालु इस क्षण के साक्षी बने, पंच प्यारों के अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को दरबार साहिब में लाया गया। इसके लिए धाम की फूलों से भव्य सजावट की गई थी।
समुद्रतल से 4632M ऊंचाई पर स्थित है हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, गुरु गोविंद साहिब ने यहां पर लिया था दूसरा जन्म
दो साल बाद अपने भव्य स्वरूप में शुरू हो रही हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर भ्यूंडार घाटी में उल्लास का माहौल है। व्यापारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं। सरकार और गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने इस पवित्र धाम आने वाले यात्रियों की संख्या को सीमित किया है इस बार हेमकुंड साहिब में प्रतिदिन 5000 यात्रियों को ही जाने की अनुमति दी जाएगी
जत्थे में शामिल होने के लिए तीन हजार से अधिक श्रद्धालु गोविंदघाट व जोशीमठ गुरुद्वारा पहुंचे इनमें सरदार जनक सिंह व गुरवेंद्र सिंह का जत्था भी शामिल है। ये दोनों जत्थे बीते 20 वर्षों से कपाटोद्घाटन व कपाटबंदी के मौके पर धाम में मौजूद रहते हैं, पैदल मार्ग पर आवाजाही शुरू हो गई है और घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी संचालक भी पड़ावों पर पहुंच चुके हैं।